‘हर सफल व्यक्ति के साथ एक ‘पांडे’ भी होता है…’ 12th Fail फैन IAS ऑफिसर ने शेयर की अपने जिंदगी के ‘पांडे’ की कहानी
IAS officer Avneesh Sharan on 12th fail फैन IAS ऑफिसर ने शेयर की अपने जिंदगी के 'पांडे' की कहानी, कहा - 'हर सफल व्यक्ति के साथ एक ‘पांडे’ भी होता है...'
IAS officer Awanish Sharan on 12th fail
नई दिल्ली। देश में इन दिनों ’12वीं फेल’ फिल्म की खूब धूम देखने को मिल रही है। आईपीएस मनोज शर्मा की रियल स्टोरी से प्रेरित इस फिल्म में सिविल सर्विसेज यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के संघर्ष को बहुत नजदीक से दिखाया गया है। इतना ही नहीं दर्शकों ने भी इस फिल्म में हर किरदार को करीब से महसूस किया है। इसका ताजा उदाहरण IAS ऑफिसर अवनीश शरण का है, जिन्होंने फिल्म देखने के बाद अपने जीवन में पांडे की आने की कहानी साझा की।
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IAS ऑफिसर अवनीश शरण ने फिल्म का अनुभव साझा करते हुए कहा कि ‘हर सफल व्यक्ति के साथ एक ‘पांडे’ भी होता है…।’ बता दें, कि ’12वीं फेल’ फिल्म में ‘पांडे’ वो किरदार है, जो मनोज शर्मा को न सिर्फ UPSC की राह दिखाता है बल्कि अपने खर्च पर दिल्ली के मुखर्जी नगर लाता है। रहने की व्यवस्था करता है और कई तरह से छोटी-बड़ी हर मदद करता है। मनोज शर्मा के लिए भी इस इंसान (पांडे) की अहमियत कम नहीं है। वे अपने UPSC इंटरव्यू से पहले ‘पांडे’ से मिलते हैं। इसी तरह IAS ऑफिसर अवनीश शरण ने भी अपने जीवन के ‘पांडे’ यानी वो इंसान जिन्होंने IAS बनने के सफर में काफी मदद की है।
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अपनी रियल लाइफ के पांडे में बताते हुए IAS ऑफिसर अवनीश शरण ने कहा कि ‘मेरा पांडे मुझे तब मिला जब मैं कमरा ढूंढने ‘मुखर्जी नगर’ की गलियों में भटक रहा था। IAS ऑफिसर ने आगे लिखा कि उनकी लाइव का पांडे जिसका असली नाम देव है वो एक कोचिंग में मुझे मिला और अपने फ्लैट का एक कमरा मुझे रहने को दिया। मुख्य परीक्षा के समय जब मैं 103-104 डिग्री बुखार से तप रहा था और परीक्षा दे पाने की स्थिति में नहीं था, तब देव मुझे ऑटो में लेकर परीक्षा केंद्र ले जाया करता था। इतना ही नहीं पूरी परीक्षा के दौरान धौलपुर हाउस के बाहर खड़ा होता था। देव मुझे खुद अपने हाथ से खिलाता था। वहीं, 4 मई को रिजल्ट वाले दिन भी मेरा पांडे मेरे साथ था। मेरे परीक्षा परिणाम को लेकर जितना मेरे माता-पिता आशान्वित नहीं थे, मेरा वह दोस्त था।’
हर सफल व्यक्ति के साथ एक ‘पांडे’ भी होता है. मेरा पांडे मुझे तब मिला जब कमरा ढूँढने मैं ‘मुखर्जी नगर’ की गलियों में भटक रहा था. ‘देव’ एक कोचिंग में मुझे मिला और अपने फ्लैट का एक कमरा मुझे रहने को दिया.
मुख्य परीक्षा के समय जब मैं 103-104 डिग्री बुख़ार से तप रहा था और परीक्षा दे…
— Awanish Sharan 🇮🇳 (@AwanishSharan) January 9, 2024

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