सिलक्यारा सुरंग से बचाये गये झारखंड के 15 श्रमिकों का भव्य स्वागत किया जायेगा |

सिलक्यारा सुरंग से बचाये गये झारखंड के 15 श्रमिकों का भव्य स्वागत किया जायेगा

सिलक्यारा सुरंग से बचाये गये झारखंड के 15 श्रमिकों का भव्य स्वागत किया जायेगा

:   Modified Date:  December 1, 2023 / 04:59 PM IST, Published Date : December 1, 2023/4:59 pm IST

रांची, एक दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग से बचाये गये झारखंड के 15 श्रमिकों का शुक्रवार को राज्य की राजधानी पहुंचने पर जबरदस्त स्वागत किया जायेगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

झारखंड के ये 15 श्रमिक उन 41 श्रमिकों में शामिल हैं जिन्हें केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के 17 वें दिन मंगलवार रात सिलक्यारा सुरंग से सकुशल बाहर निकाल लिया गया था।

अधिकारी ने कहा कि 15 श्रमिकों को उनके परिवार के 12 सदस्यों के साथ दिल्ली से रांची लाया जाएगा, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनसे बातचीत करेंगे।

राज्य के श्रम सचिव राजेश कुमार शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सभी 15 श्रमिक, उनके परिवार के 12 सदस्यों और उत्तरकाशी गये राज्य सरकार के अधिकारी रात लगभग आठ बजे बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे। रांची आने पर वे मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।’’

राज्य के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता हवाई अड्डे पर श्रमिकों का स्वागत करेंगे।

शर्मा ने कहा, ‘‘उनके लिए सर्किट हाउस में रात्रिभोज की योजना बनाई गई है। वे आज रात सर्किट हाउस में रुकेंगे। सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं और कल उन्हें अपने-अपने गांव भेज दिया जाएगा। यदि रांची और खूंटी के लोग आज रात अपने परिवार के पास जाना चाहते हैं, तो हम उन्हें आज ही भेज देंगे।’’

उनकी स्वास्थ्य जांच पर अधिकारी ने कहा कि एम्स ऋषिकेश ने पहले ही उन्हें 24 घंटे निगरानी में रखा है, इसलिए इसकी आवश्यकता नहीं है।

दिवाली के दिन सुरंग ढहने के तुरंत बाद राज्य की तीन सदस्यीय टीम घटनास्थल पर पहुंची थी।

बुधवार को श्रमिकों को स्वास्थ्य जांच के लिए एम्स ऋषिकेश ले जाया गया था।

झारखंड के श्रम सचिव राजेश कुमार शर्मा ने बुधवार को कहा था कि जैसे ही श्रमिकों को अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी, सरकार उन्हें देहरादून से दिल्ली और फिर रांची ले जाएगी।

झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और असम के 41 श्रमिकों को सिलक्यारा सुरंग से बचाया गया था।

रांची के बाहरी इलाके खीराबेड़ा में, राजेंद्र, सुखराम और अनिल के परिवार के सदस्य बेसब्री से उनके आगमन का इंतजार कर रहे हैं।

सुखराम की बहन खुशबू ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वे वापस आकर दिवाली मनाएंगे। उन्होंने कहा कि गांव में उत्साह का माहौल है।

झारखंड के खीराबेड़ा से तीन श्रमिकों के अलावा अन्य श्रमिक गिरिडीह, खूंटी और पश्चिमी सिंहभूम के रहने वाले हैं।

सिंहभूम में छह श्रमिकों के परिवार बेसब्री से उनके आने इंतजार कर रहे हैं।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव

 

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