197 सांसदों ने 2019 में भी बरकरार रखी जीत, दोबारा चुने गए भाजपा के 145 एमपी

197 सांसदों ने 2019 में भी बरकरार रखी जीत, दोबारा चुने गए भाजपा के 145 एमपी

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  • Publish Date - May 24, 2019 / 05:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:37 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम 23 मई को घोषित कर दिए गए हैंं। जारी परिणाम के अनुसार इस बार भाजपा ने एक बार फिर भारी बहुमत से जीत दर्ज की है, जनता ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री चुनने का फैसला लिया है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि 27 महिला सहित कुल 197 सांसदों ने अपनी सीट बचा ली है। जिसमें रेन रिजीजू, जुअल ओरम, राजा मोहन सिंह, नितिन गडकरी और बाबुल सुप्रियो सहित 145 दिग्गजों का नाम शामिल हैं।

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शुरूआत उस राज्य से करते हैं, जहां ऐसा माना जाता है कि सदियों से देश के प्रधानमंत्री का निर्णय इस राज्य से होता है। यानि की बिहार। बिहार से इस बार 12 सांसद लोकसभा पहुंच रहे हैं। यहां कांग्रेस को इस बार करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के सुपौल के सांसद हार गए। वहीं, पटना साहिब सीट से भी शत्रुघ्न सिन्हा को भाजपा उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। मौजूदा दो सांसदों को जेडीयू और तीन सांसदों को लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने टिकट दिया था। यह तीनों जीतने में सफल रहे।

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आरजेडी ने अपने तीन सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन वे भी सदन का रास्ता तय नहीं कर पाए। देश की राजधानी दिल्ली में भी 5 सांसदों ने अपनी जीत बरकरार रखी है। आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी ने अपने 9 सांसदों को टिकट दिया था, लेकिन सिर्फ दो ही सीट पर उनके सांसद जीत पाए। वाईएसआर कांग्रेस कड़प्पा और राजमपेट सीट से जीतने में सफल रहे।

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असम में भी दो मौजूदा सांसदों ने अपनी जीत बरकरार रखते हुए सदन की सीट सुरक्षीत कर ली है। वहीं, कांग्रेस का एक उम्मीदवार ही संसद का सफर तय कर पाया। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट धुबरी सीट बचाने में सफल रहा। एनसीपी ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल पीपी को दोबारा टिकट दिया और वह जीतने में भी सफल रहे।

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त्रिपुरा में माकपा ने अपने दो सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन हार के साथ ही उनके लिए सदन के दरवाजे बंद हो गए हैं। राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने तेलंगाना में अपने छह सांसदों को फिर से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन सिर्फ दो उम्मीदवार ही अपनी जीत सुनिश्चित कर पाए।

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एआईएडीएमके ने मौजूदा 7 सांसदों को टिकट दिया था, लेकिन उनमें से कोई भी जीत नहीं सका। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने अपने 23 सांसदों को टिकट दिया था और उनमें से 9 अपनी सीट नहीं बचा सके। बीजेपी ने दोबारा सिर्फ एक मौजूदा सांसद को टिकट दिया था और वह जीतने में सफल रहे।

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राजस्थान में बीजेपी ने मौजूदा 16 सांसदों को टिकट दिया था और उनमें से सभी जीतने में सफल रहे। महाराष्ट्र में 15 में से 14 सांसद अपनी सीट बचाने में सफल रहे। शिवसेना के 15 सांसद अपनी सीट बचाने में सफल रहे। इसी तरह देश के अन्य हिस्सों में कई सांसद अपनी सीट बचाने में सफल रहे।