चंडीगढ़। पंजाब में अमरिंदर सिंह के खिलाफ गुटबाजी काफी लंबे समय से चल रही है। वहीं अब ये घमासान तेज हो गया है। पंजाब में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया है कि कांग्रेस के कम से कम 26 विधायक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करने दिल्ली पहुंच गए हैं। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक ये विधायक एक समिति से मुलाकात करेंगे। विधायक नवजोत सिंह सिद्धू भी मंगलवार को दिल्ली में पार्टी की तीन सदस्यीय समिति से मुलाकात कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान से निपटने के लिए इस समिति का गठन किया गया है।
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पंजाब के कुछ प्रमुख कांग्रेस नेताओं ने वर्ष 2015 में फरीदकोट के कोटकपुरा में बेअदबी मामले के बाद हुई गोलीबारी की घटना में की गई कार्रवाई को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी। इस घटना के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के कोटकपुरा गोलीबारी मामले में जांच रद्द किए जाने के बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू लगातार इस मामले से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह पर हमला बोल रहे हैं।
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सूत्रों की दी गई जानकारी के मुताबिक पंजाब के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा समेत 26 विधायक सोमवार को दिल्ली में इस समिति से मिलेंगे। विधायक नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के अन्य पार्टी नेताओं में शामिल होंगे जो मंगलवार को समिति से मिलेंगे।
देखें 18 मई का घटनाक्रम-
कांग्रेस की पंजाब इकाई में गुटबाजी बढ़ने की अटकलों के बीच राज्य के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर फिर से निशाना साधते हुए 18 मई को आरोप लगाया कि पार्टी में उनके साथियों को सच बोलने के लिए धमकाया जा रहा है। सिद्धू का यह बयान ऐसे समय में आया था, जब कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के राजनीति सलाहकार संदीप संधू पर धमकाने का का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की घटना पर राज्य सरकार से सवाल करने के बाद उन्हें धमकी दी गई।
उस समय अमरिंदर और सिद्धू ने धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की जांच को लेकर सार्वजनिक रूप से एक दूसरे पर निशाना साधा था। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने गत माह पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा कोटकपूरा गोलीकांड को लेकर पेश की गई जांच रिपोर्ट को रद्द कर दिया था। पुलिस ने धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी का कोटकपूरा में विरोध कर रहे लोगों पर 2015 में कथित रूप से गोलीबारी की थी। सिद्धू ने इस मामले में अमरिंदर सिंह पर जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया है।
सिद्धू ने अपने ट्विटर हैंडल पर परगट सिंह के संवाददाता सम्मेलन का वीडियो अपलोड करते हुए ट्वीट किया, ‘‘लोगों के मुद्दे उठा रहे मंत्री, विधायक और सांसद पार्टी को मजबूत कर रहे हैं, अपने लोकतांत्रिक कर्तव्यों को पूरा कर रहे हैं और अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं… लेकिन सच बोलने वाला हर व्यक्ति आपका दुश्मन बन जाता है। अपने पार्टी सहयोगियों को धमकाकर आप अपने डर और असुरक्षा को दर्शाते है।’’
हालांकि कांग्रेस ने 18 मई को कहा था कि राज्य में पार्टी के बीच कोई गुटबाजी नहीं है, बल्कि नेताओं के अलग-अलग विचार हैं।
पंजाब से राज्यसभा सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दुलो ने भी मुख्यमंत्री की आलोचना की है और उनके कई फैसलों पर सवाल उठाए हैं।
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