तीन बच्चों समेत 5 लोगों को उतारा मौत के घाट, हाईकोर्ट ने बरकरार रखी मौत की सजा

5 people including three children were killed

तीन बच्चों समेत 5 लोगों को उतारा मौत के घाट, हाईकोर्ट ने बरकरार रखी मौत की सजा

High court slapped fine on MP government

Modified Date: June 10, 2023 / 05:55 pm IST
Published Date: June 10, 2023 12:44 pm IST

बेंगलुरु : 5 people including three children were killed कर्नाटक उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ ने तीन बच्चों समेत पांच लोगों की हत्या करने वाले व्यक्ति की मौत की सजा को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज और न्यायमूर्ति जी. बसवराज की पीठ ने दोषी और राज्य द्वारा दायर दो याचिकाओं का निस्तारण करते हुए कहा, “अपराध की क्रूरता के परिणामस्वरूप 10 साल से कम उम्र के तीन बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। जिस क्रूरता से ऐसा किया गया, उसके मद्देनजर हमारे पास निचली अदालत द्वारा पारित मौत की सजा के आदेश की पुष्टि करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। हम भारी मन से निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हैं।”

Read More : शुभमन को स्टेडियम में ही आया शादी का प्रपोजल, एक गेंद पहले हुई थी गिल से बड़ी गलती 

5 people including three children were killed उच्च न्यायालय ने 22 नवंबर 2022 को याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया था। लेकिन अदालत ने कुछ रिकॉर्ड और रिपोर्ट समेत कई जानकारियां मांगी थीं। अदालत ने कहा कि ये रिकॉर्ड उन सभी मामलों में निर्देश जारी करने के लिए आवश्यक थे, जिनमें अभियोजन पक्ष मृत्युदंड की मांग करता है।

 ⁠

Read More : MP News: ‘हमारा खाकर हमारे ही देश का पतन कर रहे..’ लव जिहाद पर देश के प्रसिद्ध संत ने की मृत्युदंड देने की मांग 

अभियोजन के अनुसार, बेल्लारी जिले के कंचनगुड्डा हल्ली निवासी एवं मजदूर के रूप में काम करने वाले ब्यलुरू थिप्पैया को अपनी पत्नी के विवाहेत्तर संबंध होने का शक था, जिसके कारण उनके बीच झगड़ा होता था। उनके चार बच्चे थे, और थिप्पैया का कहना था कि वह उनमें से केवल एक का पिता है। 25 फरवरी, 2017 को उसने अपनी पत्नी पाकीरम्मा, अपने तीन बच्चों पवित्रा, नागराज, रजप्पा और भाभी गंगम्मा पर हमला कर उनकी हत्या कर दी थी।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।