8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग पर सरकार का बड़ा बयान, DA–बेसिक पे मर्ज करने से इंकार, कर्मचारियों और पेंशनरों में बढ़ी बेचैनी

8th Pay Commission : सांसद आनंद भदौरिया ने पूछा कि क्या सरकार ने औपचारिक तौर पर 8वें वेतन आयोग को नोटिफाई कर दिया है और क्या बढ़ती महंगाई के बीच राहत के तौर पर DA को बेसिक पे में मिलाने का कोई प्रस्ताव है।

8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग पर सरकार का बड़ा बयान, DA–बेसिक पे मर्ज करने से इंकार, कर्मचारियों और पेंशनरों में बढ़ी बेचैनी
Modified Date: December 1, 2025 / 10:01 pm IST
Published Date: December 1, 2025 9:43 pm IST
HIGHLIGHTS
  • पहले की तरह महंगाई भत्ते का संशोधन हर छह महीने में
  • कर्मचारियों और पेंशनरों की नाराज़गी
  • 8वें वेतन आयोग को 18 महीने का कार्यकाल

नई दिल्ली: 8th Pay Commission, संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन 8वें वेतन आयोग को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया। पिछले महीने से लगातार चर्चा में रहे इस आयोग पर सरकार ने लोकसभा में आधिकारिक जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि DA और DR को बेसिक पे में मिलाने का कोई प्रस्ताव फिलहाल सरकार के पास नहीं है। पहले की तरह महंगाई भत्ते का संशोधन हर छह महीने में AICPI-IW इंडेक्स के आधार पर ही जारी रहेगा।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि 8th Central Pay Commission का गठन 3 नवंबर 2025 को गजट नोटिफिकेशन के जरिए किया गया है। आयोग में तीन सदस्य शामिल हैं। जस्टिस रंजन प्रकाश देसाई, चेयरपर्सन, प्रो. पुलक घोष, पार्ट-टाइम मेंबर और पंकज जैन, मेंबर-सेक्रेटरी।

इसी मुद्दे पर 1 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन लोकसभा में एक सवाल पूछा गया। सांसद आनंद भदौरिया ने पूछा कि क्या सरकार ने औपचारिक तौर पर 8वें वेतन आयोग को नोटिफाई कर दिया है और क्या बढ़ती महंगाई के बीच राहत के तौर पर DA को बेसिक पे में मिलाने का कोई प्रस्ताव है। सरकार ने अपने जवाब में आयोग के गठन की पुष्टि तो की, लेकिन DA–बेसिक पे मर्ज करने से साफ इंकार कर दिया।

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कर्मचारियों और पेंशनरों की नाराज़गी

8th Pay Commission:, यूनियनों का कहना है कि इस बार जारी Terms of Reference (ToR) में पेंशनरों का उल्लेख नहीं है, जबकि 7वें वेतन आयोग में उन्हें स्पष्ट रूप से शामिल किया गया था। नई वेतन संरचना कब से लागू होगी, इस पर भी कोई स्पष्टता नहीं दी गई है। स्टाफ साइड JCM ने आरोप लगाया कि उनकी प्रमुख मांगें—जैसे न्यूनतम वेतन तय करने का फॉर्मूला, वेतन संपीड़न की समस्या का समाधान और वेज रिवीजन के सिद्धांत—ToR में शामिल नहीं किए गए। यूनियनों का मानना है कि इस बार इस्तेमाल की गई भाषा 7वें वेतन आयोग की तुलना में कहीं अधिक सीमित है।

8वें वेतन आयोग को 18 महीने का कार्यकाल

बता दें कि 8वें वेतन आयोग को 18 महीने का कार्यकाल दिया गया है, जिसमें वह डेटा जुटाएगा, विभागों से चर्चा करेगा और यूनियनों से सुझाव लेगा। लेकिन ToR को लेकर बढ़ती असंतुष्टि संकेत देती है कि आने वाले महीनों में कर्मचारी संगठन अपनी आवाज और बुलंद करेंगे।

महंगाई के दबाव और DA को बेसिक पे में मर्ज करने से सरकार के इनकार ने कर्मचारियों की चिंता और बढ़ा दी है। चूंकि 2026 में नई वेतन संरचना लागू होने की संभावना है, इसलिए आने वाले समय में 8वें वेतन आयोग का मुद्दा और गरम रहने वाला है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com