असम में बेदखली अभियान से पहले ही 95 फीसदी अतिक्रमणकारी वन भूमि छोड़कर चले गए: अधिकारी

असम में बेदखली अभियान से पहले ही 95 फीसदी अतिक्रमणकारी वन भूमि छोड़कर चले गए: अधिकारी

असम में बेदखली अभियान से पहले ही 95 फीसदी अतिक्रमणकारी वन भूमि छोड़कर चले गए: अधिकारी
Modified Date: July 11, 2025 / 05:29 pm IST
Published Date: July 11, 2025 5:29 pm IST

गोलपाड़ा (असम), 11 जुलाई (भाषा) असम के गोलपाड़ा जिले में पैकन संरक्षित वन क्षेत्र की 1,040 बीघा जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए निर्धारित बेदखली अभियान से एक दिन पहले ही लगभग 95 प्रतिशत कथित अवैध निवासी वहां से जा चुके हैं। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन अतिक्रमण-रोधी अभियान को सुचारु रूप से चलाने के लिए वन विभाग को अपना सहयोग देने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा था कि शुक्रवार को चलाया जाने वाला बेदखली अभियान मुस्लिम बहुल इलाके में जुमे की नमाज को ध्यान में रखते हुए एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था।

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गोलपाड़ा के जिला आयुक्त (डीसी) खानिंद्र चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को से कहा, ‘‘जिला प्रशासन कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने का ध्यान रखेगा और हमने इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लगभग 90-95 प्रतिशत अवैध निवासी पहले ही उस जगह से जा चुके हैं, अपने प्रतिष्ठानों को तोड़ रहे हैं और अपना सामान ले जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि अब वहां केवल वहीं संरचनाएं मौजूद हैं, जो या तो ईंट से निर्मित हैं या जिन्हें हटाई नहीं जा सकतीं।

डीसी ने कहा, ‘‘सुचारु संचालन सुनिश्चित करने के लिए हमारी ओर से सुरक्षा और अन्य व्यवस्था से जुड़ी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।’’

गोलपाड़ा के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) तेजस मारिस्वामी ने पहले कहा था कि बेदखली अभियान के तहत कृष्णाई वन क्षेत्र के पैकन संरक्षित वन में लगभग 1,040 बीघा जमीन से अतिक्रमण हटाया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘(कम से कम) 1,080 परिवारों ने वन भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है और हमने उन्हें पिछले साल नवंबर-दिसंबर में यह इलाका खाली करने के लिए कहा था। हमने पिछले महीने उन्हें 10 जुलाई तक इलाका छोड़ने का फिर से नोटिस दिया था।’’ प्रशासन ने 2023 से चार वन क्षेत्रों की 650 हेक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटा दिया है।

मारिस्वामी ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में से 200 हेक्टेयर में मानव निवास था और शेष 450 हेक्टेयर में खेती होती थी।’’

गौरतलब है कि पड़ोसी धुबरी जिले के चापर अंचल के अंतर्गत चारुवा बकरा, चिरकुटा और संतोषपुर गांवों में लगभग 3,500 बीघा (लगभग 1,160 एकड़) जमीन पर अतिक्रमण एक अभियान के दौरान मंगलवार को हटा दिया गया, जिससे लगभग 1,100 परिवार प्रभावित हुए।

यह अतिक्रमण-रोधी अभियान अडाणी समूह को बिजली संयंत्र स्थापित करने के लिए जमीन सौंपने के लिए चलाया गया था। कथित अतिक्रमणकारियों ने बेदखली अभियान के दौरान उत्खनन मशीनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और पुलिसकर्मियों पर हमला करने की कोशिश की, जिसके बाद सुरक्षा बलों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

मुख्यमंत्री ने पिछले महीने प्रस्तावित बिजली संयंत्र स्थल का दौरा किया था और घोषणा की थी कि वहां 3,400 मेगावाट का ताप विद्युत संयंत्र स्थापित किया जाएगा।

शर्मा ने बृहस्पतिवार को गुवाहाटी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि राज्य में बेदखली अभियान जारी रहेगा और पिछले चार वर्षों में 25,000 एकड़ से अधिक भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है।

शर्मा ने कहा, ‘‘हम शनिवार को गोलपाड़ा में एक और बेदखली अभियान चलाएंगे। गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने हमें वन भूमि खाली कराने का आदेश दिया है। न्यायालय ने केवल इतना कहा है कि हमें बेदखल किए गए लोगों को पीने का पानी और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करानी चाहिए।’’

भाषा संतोष सुरेश

सुरेश


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