iPhone at Arulmighu Kandaswamy Temple: दानपात्र में गिरा श्रद्धालु का iPhone, प्रबंधन ने कहा अब ये भगवान का हुआ, सरकार करेगी मुआवजे पर विचार

iPhone at the Arulmighu Kandaswamy Temple; मंत्री ने कहा कि मामले पर विचार किया जाएगा और यह देखा जाएगा कि दिनेश को मुआवजा दिया जा सकता है या नहीं। हालांकि, नियम स्पष्ट हैं कि हुंडी में डाली गई कोई भी वस्तु वापस नहीं की जा सकती।

iPhone at Arulmighu Kandaswamy Temple: दानपात्र में गिरा श्रद्धालु का iPhone, प्रबंधन ने कहा अब ये भगवान का हुआ, सरकार करेगी मुआवजे पर विचार

iPhone at the Arulmighu Kandaswamy Temple, image source: wikipedia

Modified Date: December 21, 2024 / 08:28 pm IST
Published Date: December 21, 2024 8:25 pm IST

नई दिल्ली: iPhone at Arulmighu Kandaswamy Temple, तमिलनाडु के तिरुपोरूर स्थित अरुलमिगु कंदास्वामी मंदिर में एक श्रद्धालु का iPhone गलती से दानपात्र (हुंडी) में गिर जाने का मामला सामने आया है। विनायगपुरम निवासी दिनेश ने जब फोन वापस मांगा, तो मंदिर प्रशासन ने इसे लौटाने से इनकार कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि हुंडी में गिरा हर सामान भगवान की संपत्ति बन जाता है।

हुंडी से फोन वापस मांगने पर क्या हुआ?

दिनेश ने बताया कि फोन गलती से हुंडी में गिरा था और उन्होंने इसे वापस पाने की कोशिश की। हालांकि, मंदिर प्रशासन ने साफ कर दिया कि वह केवल फोन का डेटा ले सकते हैं, लेकिन फोन लौटाया नहीं जाएगा। प्रशासन का कहना है कि दानपात्र में गई हर चीज मंदिर की संपत्ति मानी जाती है और इसे वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है।

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नियमों पर उठे सवाल

iPhone at Arulmighu Kandaswamy Temple, तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (HR&CE) के मंत्री पी.के. शेखर बाबू ने कहा कि मंदिरों में यह नियम लागू है कि हुंडी में चढ़ाई गई कोई भी वस्तु, चाहे वह जानबूझकर हो या गलती से, भगवान की संपत्ति बन जाती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि विभाग यह विचार करेगा कि दिनेश को मुआवजा दिया जा सकता है या नहीं।

क्या मिलेगा मुआवजा?

मंत्री ने कहा कि मामले पर विचार किया जाएगा और यह देखा जाएगा कि दिनेश को मुआवजा दिया जा सकता है या नहीं। हालांकि, नियम स्पष्ट हैं कि हुंडी में डाली गई कोई भी वस्तु वापस नहीं की जा सकती।

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पहले भी हुई ऐसी घटनाएं

iPhone at Arulmighu Kandaswamy Temple, यह पहली बार नहीं है जब हुंडी में सामान गिरने का मामला चर्चा में आया है। मई 2023 में, केरल की एक महिला एस. संगीता ने पलानी मंदिर की हुंडी में गलती से अपनी 1.75 तोले की सोने की चेन गिरा दी थी। महिला की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए और घटना की सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि के बाद, मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ने निजी खर्च पर नई चेन बनवाकर उन्हें दी थी।

इस घटना ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है कि क्या गलती से हुंडी में गिरा सामान लौटाया जाना चाहिए। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या निर्णय लेता है।

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर हिन्दू धर्मस्थल होने के दावों की आलोचना करते हुए इसे कुछ लोगों द्वारा खुद को हिंदूवादी नेता के तौर पर स्थापित करने की कोशिश करार दिया है | इस मुद्दे पर आपकी क्या राय है –
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1. क्या अरुलमिगु कंदास्वामी मंदिर में हुंडी में गलती से गिरा iPhone वापस मिल सकता है?

नहीं, हुंडी में गलती से या जानबूझकर डाला गया कोई भी सामान भगवान की संपत्ति माना जाता है और उसे वापस नहीं किया जाता।

2. अरुलमिगु कंदास्वामी मंदिर के हुंडी में गिरा iPhone क्या अब मंदिर की संपत्ति है?

जी हां, मंदिर के नियमों के अनुसार, हुंडी में गिरा कोई भी सामान सीधे मंदिर के देवता की संपत्ति बन जाता है।

3. क्या iPhone गिरने के बाद श्रद्धालु को मुआवजा मिल सकता है?

तमिलनाडु के मंत्री पी. के. शेखर बाबू ने कहा है कि मुआवजे की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा।

4. क्या अरुलमिगु कंदास्वामी मंदिर में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं?

हां, हुंडी में गलती से चीजें गिरने के मामले पहले भी हुए हैं। उदाहरण के लिए, केरल के पलानी मंदिर में हुंडी में गिर गई सोने की चेन की भरपाई मंदिर ट्रस्ट ने की थी।

5. हुंडी में गिरने वाली वस्तुओं पर कौन से नियम लागू होते हैं?

हुंडी स्थापना, सुरक्षा और लेखा नियम, 1975 के तहत हुंडी में डाली गई कोई भी वस्तु भगवान की संपत्ति मानी जाती है और किसी भी स्थिति में वापस नहीं की जा सकती।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com