Delhi High Court Judgement: ‘सहमति से Sex करने के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं’ हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी को दी जमानत

'सहमति से Sex करने के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं’! Aadhar Card Not Mandatory for Sex says Delhi High Court and Grant Bail

  •  
  • Publish Date - August 30, 2022 / 04:21 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:52 PM IST

नयी दिल्ली: Aadhar Card Not Mandatory for Sex सहमति से शारीरिक संबंधों के मामले में किसी को अपनी साथी की जन्मतिथि के न्यायिक सत्यापन की जरूरत नहीं है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को कथित नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में जमानत देते हुए यह बात कही। आधिकारिक दस्तावजों के अनुसार नाबालिग लड़की की तीन अलग-अलग जन्मतिथियां हैं।

Read More: अंकिता को जिंदा जलाने वाले शाहरुख को लेकर सामने आई ओवैसी की प्रतिक्रिया, सरकार से की ये दो डिमांड

Aadhar Card Not Mandatory for Sex अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति को अपनी साथी से सहमति से शारीरिक संबंध बनाने के लिए उसका आधार कार्ड या पैन कार्ड देखने की अथवा उसके स्कूल के रिकॉर्ड से जन्मतिथि का सत्यापन करने की जरूरत नहीं है।

Read More: अर्थशास्त्री अभिजीत सेन का निधन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अग्रणी विशेषज्ञों में से थे एक

अदालत ने आरोपी को राहत दे दी, जिसने दावा किया था कि उसके खिलाफ बाल शोषण संबंधी कानून के प्रावधानों का इस्तेमाल करने के लिए लड़की अपनी सुविधा से जन्म की तारीख बता रही है।

Read More: सहमति से संबंधों में साथी की जन्मतिथि के न्यायिक सत्यापन की कोई जरूरत नहीं: अदालत

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने 24 अगस्त के आदेश में कहा, ‘‘सच बात यह है कि एक आधार कार्ड है, जिसमें जन्मतिथि 1 जनवरी 1998 है और यह इस बात को बताने के लिए काफी है कि आवेदक किसी नाबालिग से शारीरिक संबंध नहीं बना रहा था।’’

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक