24 हफ्ते तक गर्भपात की इजाज़त, पहले थी 20 तक की.. लेकिन कुछ शर्तों के साथ
Abortion allowed up to 24 weeks, earlier it was up to 20 .. but with some conditions
Abortion allowed up to 24 weeks
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (संशोधन) अधिनियम, 2018 के बारे में एक अधिसूचना जारी की, जिसके अनुसार गर्भपात की समय सीमा 20 हफ्तों से बढ़ाकर 24 सप्ताह कर दी गई है। हालांकि इसके लिए कुछ शर्ते लगाई गई हैं।
इस मामले को लेकर एक्टिविस्ट की मांग है कि कानून को अभी और बेहतर बनाए जाने की उम्मीद है। 24 सप्ताह की समय सीमा वाला यह संशोधन सभी महिलाओं पर समान रूप से लागू नहीं होगा। संशोधन के अनुसार यह केवल रेप सर्वाइवर, नाबालिग या फिर असामान्य गर्भधारण वाले मामलों पर ही लागू होगा।
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टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस अभियान को शुरू करने वाले निखिल दातार का कहना है कि गर्भपात का सबसे आम कारण गर्भनिरोधक विफलता है, जिसके लिए समय सीमा अभी भी 20 सप्ताह ही है।
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दातार का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट में अपने केस को नहीं छोड़ेंगे। डॉक्टर दातार मुंबई के एक गायनेकोलॉजिस्ट हैं, जोकि
साल 2008 में महिलाओं में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी की समय सीमा को बदलने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी बहुत सारा काम बाकी है, इसलिए केस वापस नहीं लिया जाएगा।

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