नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद अब इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान परस्त अलगाववादियों को मिल रही सरकारी मदद और सुरक्षा वापस ले ली गई है। जम्मू-कश्मीर सरकार के गृह सचिव ने अलगाववादियों को मिली सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से सभी अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली गई है, जिनमें मीरवाइज उमर फारूक, शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी बट शामिल हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इन पांच नेताओं और दूसरे अलगाववादियों को अब किसी भी तरह की सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी ।
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बता दें कि हमले के बाद सुरक्षा की समीक्षा करने कश्मीर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से संपर्क रखने वालों को दी जा रही सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी। इससे पहले एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के सुझाव पर ऐसे व्यक्तियों को मिली सुरक्षा की समीक्षा की गई, जिनपर आईएसआई के साथ संबंधों का शक है।
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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया था संकेत
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को श्रीनगर में कहा था कि पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई से पैसा लेने वाले लोगों को मिली सुरक्षा की समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा था, ‘जम्मू-कश्मीर में कुछ लोगों के आईएसआई और आतंकी संगठनों से रिश्ते हैं। उन्हें मिली सुरक्षा की समीक्षा होनी चाहिए।’ कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
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