तमिलनाडु की सत्ता पर पुनः काबिज होने के संकल्प के साथ अन्नाद्रमुक ने मनाई स्वर्ण जयंती

तमिलनाडु की सत्ता पर पुनः काबिज होने के संकल्प के साथ अन्नाद्रमुक ने मनाई स्वर्ण जयंती

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  • Publish Date - October 15, 2021 / 07:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

चेन्नई, 15 अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने ग्रामीण निकाय चुनावों में मिली हार को किनारे रख कर शुक्रवार को अपने कार्यकर्ताओं को यह संदेश दिया कि 2021-22 के दौरान पार्टी की स्थापना की स्वर्ण जयंती मनाने के साथ ही वह सत्ता पर पुनः काबिज होने प्रयास करेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ओ. पन्नीरसेल्वम और के. पलानीस्वामी ने कहा कि राज्य में 30 वर्षों से अधिक समय तक शासन करने वाली अन्नाद्रमुक सभी वर्ग के लोगों के लिए काम करेगी।

दोनों नेताओं ने कहा कि पार्टी जाति, धर्म और वंशवाद की राजनीति से ऊपर उठ चुकी है। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक के सत्ता में रहते हुए ‘अम्मा कैंटीन’ जैसे कार्यक्रम चलाये गए और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए 69 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।

पार्टी की ओर से जारी एक बयान में संयोजक पन्नीरसेल्वम तथा सह संयोजक पलानीस्वामी ने कहा, “स्वर्ण जयंती पर हमारा संदेश यह है कि पार्टी लोगों के आक्रोश को खत्म करने, तमिलनाडु में शांति और प्रगति के लिए काम करना जारी रखेगी।”

कुछ दिन पूर्व हुए ग्रामीण निकाय चुनाव में सत्ताधारी दल द्रमुक ने भारी जीत हासिल की थी और अन्नाद्रमुक को दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था।

कुल 153 जिला पंचायत वार्डों में से द्रमुक ने 139 और अन्नाद्रमुक ने दो सीटों पर जीत दर्ज कराई थी। इसके अलावा 1,421 पंचायत यूनियन वार्डों में से द्रमुक ने 977 और अन्नाद्रमुक ने 212 सीटों पर जीत हासिल की थी। अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) का स्वर्ण जयंती वर्ष मनाने के लिए कई घोषणाएं की गईं।

इसमें वरिष्ठ सदस्यों को सोने से जड़े पदक और नकद पुरस्कार दिए गए तथा एम. जी. रामचंद्रन और जया जलललिता के नाम पर पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई।

नेताओं ने कहा कि यहां अन्नाद्रमुक मुख्यालय का नाम एम जी रामचंद्रन के नाम पर रखा जाएगा। पार्टी अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती के अवसर पर एक प्रतीक चिह्न बनवाएगी और 50 साल के इतिहास के विवरण वाला ब्रोशर जारी करेगी।

भाषा यश रंजन

रंजन