सिविल सेवा परीक्षा की उत्तर कुंजी, अंक सार्वजनिक करने के अनुरोध पर विचार के लिए न्याय मित्र नियुक्त

सिविल सेवा परीक्षा की उत्तर कुंजी, अंक सार्वजनिक करने के अनुरोध पर विचार के लिए न्याय मित्र नियुक्त

सिविल सेवा परीक्षा की उत्तर कुंजी, अंक सार्वजनिक करने के अनुरोध पर विचार के लिए न्याय मित्र नियुक्त
Modified Date: January 19, 2025 / 07:26 pm IST
Published Date: January 19, 2025 7:26 pm IST

नयी दिल्ली, 19 नजवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा की उत्तर कुंजी, कट-ऑफ अंक और इसमें बैठने वाले अभ्यर्थियों के अंक सार्वजनिक करने का निर्देश देने संबंधी याचिका के निपटारे में मदद के लिए एक न्याय मित्र नियुक्त किया है।

यूपीएससी ने 2023 की सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा सहित लगभग सभी पिछली परीक्षाओं में यह सुनिश्चित किया है कि अभ्यर्थियों के अंक, कट-ऑफ अंक और उत्तर कुंजी परीक्षा की पूरी प्रक्रिया खत्म होने के बाद ही सार्वजनिक की जाए।

न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले में मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता को न्याय मित्र बनाया है और याचिकाकर्ताओं को उन्हें याचिका की एक प्रति सौंपने का निर्देश दिया है।

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पीठ ने 15 जनवरी को पारित आदेश में कहा, ‘हमने अदालत में मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता से इस मामले में अदालत की सहायता करने का अनुरोध किया, जिसे गुप्ता ने विनम्रतापूर्वक स्वीकार कर लिया।’

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं (17 यूपीएससी अभ्यर्थियों) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि विवरण सार्वजनिक न करने के यूपीएससी के आचरण में पारदर्शिता का अभाव है।

उन्होंने कहा कि अगर उत्तर कुंजी, कट-ऑफ अंक और अभ्यर्थियों को मिले अंक सार्वजनिक किए जाते हैं, तो वे स्पष्ट एवं तर्कसंगत आधार पर गलत और अनुचित मूल्यांकन के खिलाफ उपलब्ध ‘प्रभावी’ उपायों का लाभ उठाने में सक्षम होंगे।

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए चार फरवरी की तारीख तय की।

अदालत पिछले साल फरवरी में वकील राजीव कुमार दुबे के माध्यम से दायर याचिका पर विचार करने पर सहमत हुई थी।

याचिका में ‘किसी भी गंभीर त्रुटि से’ लाखों अभ्यर्थियों के हितों की रक्षा का हवाला देते हुए उत्तर कुंजी और अन्य विवरण सार्वजनिक करने का अनुरोध किया गया है।

इसमें दावा किया गया है कि अतीत में कई मुकदमों के बावजूद संघ लोक सेवा आयोग इस संबंध में कोई भी कारण बताने में नाकाम रहा है कि उसे पारदर्शिता बरतने से इतनी ‘एलर्जी’ क्यों है।

याचिका में दावा किया गया है कि लगभग हर राज्य लोक सेवा आयोग के साथ-साथ सभी उच्च न्यायालय और आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान), आईआईएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान) सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थान उत्तर कुंजी, कट-ऑफ अंक और अभ्यर्थियों को मिले अंकों को ‘त्वरित तौर पर और समय पर सार्वजनिक करने’ की प्रक्रिया का पालन करते हैं।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनकी याचिका अभ्यर्थियों की ‘गंभीर चिंताओं’ और यूपीएससी की ओर से पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को सामने लाती है।

भाषा पारुल सुरेश

सुरेश


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