सत्ता संघर्ष के बीच ‘समान विचारधारा वाले’ कांग्रेस विधायक जारकीहोली के रात्रिभोज में शामिल हुए
सत्ता संघर्ष के बीच ‘समान विचारधारा वाले’ कांग्रेस विधायक जारकीहोली के रात्रिभोज में शामिल हुए
बेलगावी (कर्नाटक), 18 दिसंबर (भाषा) मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के भीतर जारी सत्ता संघर्ष के बीच सत्तारूढ़ कांग्रेस के ‘समान विचारधारा’ वाले विधायकों ने यहां एक होटल में वरिष्ठ मंत्री सतीश जारकीहोली द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शिरकत की।
कुछ विधायकों ने जहां इसे राज्य विधानमंडल के जारी शीतकालीन सत्र के दौरान आयोजित एक अनौपचारिक रात्रिभोज बैठक बताया, वहीं अन्य ने कहा कि राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की गई।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बुधवार रात जारकीहोली द्वारा आयोजित रात्रिभोज में 30 से अधिक विधायक शामिल हुए।
जारकीहोली को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का करीबी माना जाता है। उपस्थित लोगों में सिद्धरमैया के बेटे और विधान परिषद सदस्य यतींद्र सिद्धरमैया, विधायक केएन राजन्ना समेत अन्य शामिल थे।
सूत्रों ने बताया कि सिद्धरमैया अस्वस्थ होने के कारण रात्रिभोज में शामिल नहीं हुए।
यह रात्रिभोज बैठक उस घटनाक्रम के एक सप्ताह बाद हुई जब कुछ मंत्रियों सहित 30 से अधिक कांग्रेस विधायकों ने बेलगावी के बाहरी इलाके में उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के साथ रात्रिभोज में भाग लिया था।
जारकीहोली ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसमें कुछ खास नहीं है। समान विचारधारा वाले लोगों को रात्रिभोज देना आम बात है। ऐसी बैठकें होती रहती हैं। हमने भी कल एक बैठक की थी। इसमें कुछ खास नहीं था और ज्यादा राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।’’
उन्होंने कहा कि यह इस तरह की पहली बैठक नहीं है और ‘‘हम पहले भी कई बार मिल चुके हैं। वे (विधायक) मेरे यहां भी आ चुके हैं। समान विचारधारा वाले लोगों से मुलाकात हुई।’’
हालांकि, मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री और विधायक राजन्ना ने कहा कि रात्रिभोज के दौरान राजनीतिक मामलों पर चर्चा हुई।
राजन्ना ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हां, सतीश जारकीहोली ने कल एक रात्रिभोज बैठक की मेजबानी की। यह केवल एससी/एसटी विधायकों तक सीमित नहीं थी। उन्होंने सभी समान विचारधारा वाले विधायकों को आमंत्रित किया। मैंने भी इसमें भाग लिया। कई राजनीतिक मामलों पर चर्चा हुई। जारकीहोली खुद विवरण बता सकते हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या रात्रिभोज में राजनीति पर चर्चा हुई, उन्होंने कहा, ‘‘नहीं तो हम क्यों मिलेंगे? क्या हम सिर्फ भोजन के लिए मिलेंगे? जब लोग मिलते हैं, तो चर्चाएं होती ही हैं। इससे कई उद्देश्य पूरे होते हैं।’’
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र की सिद्धरमैया को ‘‘निवर्तमान मुख्यमंत्री’’ बताने वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, राजन्ना ने कहा, ‘‘तो आइए हम विजयेंद्र को निवर्तमान भाजपा अध्यक्ष कहें। सिद्धरमैया निवर्तमान नहीं हैं। वह बने रहेंगे।’’
यतींद्र सिद्धरमैया ने कहा कि विधायी सत्रों के दौरान ऐसी रात्रिभोज बैठकें आम हैं और जब भी आमंत्रित किया जाता है वह इसमें शामिल होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हर कोई दोपहर भोज और रात्रिभोज की मेजबानी कर रहा है। हाल ही में, मंत्री दिनेश गुंडू राव ने मुझे आमंत्रित किया, और मैं इसमें शामिल हुआ। हम कांग्रेस विधायक दल की बैठक के दौरान और रात्रिभोज पर मिले। अगर कोई मंत्री मुझे आमंत्रित करता है, तो मैं जाऊंगा।’’
विजयेंद्र की ‘‘निवर्तमान मुख्यमंत्री’’ टिप्पणी पर यतींद्र ने कहा कि विपक्ष शुरू से ही ऐसी टिप्पणियां करता रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष की आलोचना का कोई मतलब नहीं है। क्या हम हर बार प्रतिक्रिया दें? रहने दीजिए।’’
कांग्रेस सरकार द्वारा 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल का आधा समय पूरा किए जाने के बाद नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ दल के भीतर सत्ता संघर्ष तेज हो गया है।
वर्ष 2023 में सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच कथित सत्ता-साझाकरण समझौते की खबरों ने अटकलों को हवा दी। हालांकि, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों ने हाल ही में पार्टी आलाकमान के निर्देश पर एक-दूसरे के आवास पर नाश्ता बैठकें कीं।
इसे नेतृत्व की लड़ाई को रोकने और सिद्धरमैया के फिलहाल मुख्यमंत्री बने रहने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
पवनेश

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