Amit Shah: अमित शाह ने बनाया नया रिकॉर्ड, बने सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले केंद्रीय गृह मंत्री, लालकृष्ण आडवाणी को पीछे छोड़ा
अमित शाह ने बनाया नया रिकॉर्ड, बने सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले केंद्रीय गृह मंत्री, Amit Shah Latest News Amit Shah holds the record of being the longest-serving Union Home Minister of country
HM Amit Shah On CG Tour/ Image Credit: IBC24 File Photo
- अमित शाह ने 2,258 दिन का कार्यकाल पूरा कर रिकॉर्ड बनाया
- शाह अब तक 2,258 दिन केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में सेवा दे चुके हैं
नई दिल्ली: Amit Shah: अमित शाह ने सबसे लंबे समय तक देश का गृहमंत्री रहने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है। उन्होंने अपने करीब छह साल के कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से लेकर आपराधिक कानूनों में पूर्ण बदलाव करने और नक्सल समस्या को समाप्त करने के लिए मार्च 2026 की समय सीमा तय करने से लेकर पूर्वोत्तर में 10,000 उग्रवादियों का आत्मसमर्पण सुनिश्चित करने तक कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
Amit Shah: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद देश में दूसरे सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में जाने जाने वाले शाह ने बतौर केंद्रीय गृहमंत्री 2,258 दिन पूरे कर लिये हैं, जो केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में लालकृष्ण आडवाणी के अबतक के 2,256 दिन के रिकॉर्ड से अधिक है। वह प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के प्रमुख व्यक्तियों में शामिल रहे हैं, जिन्होंने देश भर में आंतरिक सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए गृह मंत्रालय को नई दिशाएं दी हैं। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संसदीय दल की मंगलवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री की प्रशंसा की और कहा कि शाह गृह मंत्रालय में सबसे लंबे समय तक रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, 2,258 दिनों के कार्यकाल के साथ, शाह ने अब आडवाणी के गृह मंत्री के रूप में 2,256 दिनों के कार्यकाल को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि शाह और आडवाणी से पहले, भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने सबसे अधिक 1,218 दिनों तक गृह मंत्री के रूप में कार्य किया था। साठ वर्षीय शाह के कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले लिये गए, जिनमें पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करना, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अलगाववादी संगठनों पर कार्रवाई और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदम शामिल हैं। शाह के कार्यकाल में ही तीन आपराधिक कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम- को आगे बढ़ाया गया। इन कानूनों ने क्रमशः औपनिवेशिक काल की भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लिया। नए कानून एक जुलाई, 2024 से प्रभावी हुए।
इन फैसलों से सबको चौंकाया
Amit Shah: शाह के कार्यकाल के दौरान ही संसद ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पारित किया, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों – हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी- को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। गृह मंत्री के रूप में उन्होंने नक्सल समस्या को समाप्त करने के लिए 31 मार्च, 2026 की समय-सीमा तय की है और अब तक बड़े क्षेत्रों को वाम उग्रवाद से मुक्त कराकर बड़ी सफलता हासिल की है। शाह ने जम्मू-कश्मीर स्थित अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सभी धड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया है और इसके कई नेता अब संदिग्ध आतंकवादी संबंधों के कारण जेल में बंद हैं। उन्होंने मादक पदार्थों और उनके व्यापार के खिलाफ भी अभियान चलाया है, जिसके तहत एक विशेष अभियान के दौरान 10 लाख किलोग्राम से अधिक प्रतिबंधित मादक पदार्थ जब्त किया गया, जिसका बाजार मूल्य 11,961 करोड़ रुपये है। अमित शाह के कार्यकाल में पूर्वोत्तर में विभिन्न उग्रवादी समूहों के साथ 12 शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे हथियारों और गोला-बारूद के साथ 10,000 से अधिक उग्रवादियों का आत्मसमर्पण सुनिश्चित हुआ है।
16 साल की उम्र में आरएसएस में हो गए थे शामिल
अपनी राजनीतिक कुशलता और रणनीतिक कौशल के लिए पहचाने जाने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता ने पार्टी के अभूतपूर्व उत्थान में अहम भूमिका निभाई, जिससे भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में 300 सीट का आंकड़ा पार करने में मदद मिली, तब वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। शाह का जन्म 1964 में मुंबई के एक प्रतिष्ठित गुजराती परिवार में हुआ था। वह 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए और शीघ्र ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की गतिविधियों में शामिल हो गए। राष्ट्रीय राजनीति में आने से पहले, शाह उस वक्त गुजरात के गृह मंत्री थे जब मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। शाह ने 2019 में पहली बार गांधीनगर लोकसभा सीट जीती और उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री का पदभार संभाला। वह 2024 में फिर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और उसी साल लगातार दूसरी बार केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में शपथ ली।

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