चंडीगढ़, 16 मई (भाषा) कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को अमृतसर जिले में जहरीली शराब के सेवन से हुई 27 लोगों की मौत की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और शीर्ष अधिकारियों को जवाबदेह ठहराना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अमृतसर में हुई यह त्रासदी कोई अकेली घटना नहीं है और पिछले कुछ साल में ऐसी घटनाएं हुई हैं, लेकिन सरकार ने इनसे कोई सबक नहीं सीखा।
अमृतसर जिले में जहरीली शराब के सेवन से 27 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर थे।
अमृतसर से सांसद औजला ने जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत पर दुख जताते हुए कहा, ‘‘पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘युद्ध नशियां विरुद्ध’ का जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। अन्यथा, यह त्रासदी नहीं होती।’’
उन्होंने बताया कि 2020 में अमृतसर, बटाला और तरनतारन में जहरीली शराब के सेवन से 120 लोगों की मौत हुई थी। मार्च 2024 में संगरूर में जहरीली शराब के सेवन से 20 लोगों की मौत हुई।
औजला ने कहा, ‘‘कोई नहीं जानता कि दोषियों के साथ क्या किया गया और इसलिए लोगों में कानून का कोई डर नहीं है। अब मेरे (अमृतसर संसदीय) क्षेत्र में फिर से ऐसा हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि हाल में जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत की घटना ने मान सरकार के ‘युद्ध नशियां विरुद्ध’ अभियान के दावों की पोल खोल दी है।
औजला ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को नकली शराब मामले में लोगों की मौत की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्हें शीर्ष अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराना चाहिए और उन सभी सरकारी अधिकारियों से इस्तीफा लेना चाहिए जो शीर्ष पर हैं… पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) और थाना प्रभारी रैंक के अधिकारियों को निलंबित करना पर्याप्त नहीं है।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य सरकार केवल राजस्व संग्रह पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
भाषा सुरभि नेत्रपाल
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