मुंबई। प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे ने शनिवार को कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल की नियुक्ति ना होने पर वह अपने गांव में ही 30 जनवरी से भूख हड़ताल करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह को लिखे पत्र में एनडीए सरकार पर केंद्र में लोकपाल और राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति ना करने के लिए बहाने बनाने का आरोप लगाया है।
हजारे ने कहा कि पहले केंद्र सरकार ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष में कोई वरिष्ठ नेता ना होने के कारण लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकती सकती (यह नियुक्त प्रक्रिया का हिस्सा है)। फिर सरकार ने बाद में कहा कि चयन समिति में कोई प्रतिष्ठित न्यायवादी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस साल 23 मार्च को रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन पीएमओ ने उनकी मांग पूरी करने के लिखित में आश्वासन दिया था, इसलिए उन्होंने भूख हड़ताल खत्म कर दी थी।
समाजसेवी हजारे ने कहा कि उन्होंने फिर सरकार को 2 अक्तूबर तक का समय दिया। उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘दो अक्तूबर को अपने गांव रालेगन सिद्धि से आंदोलन शुरू करना था, लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने फिर आश्वासन दिया कि लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। मैंने उन्हें एक और मौका देने 30 जनवरी तक इंतजार करने का मन बनाया है। हजारे ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार की मंशा लोकपाल और लोकायुक्त नियुक्त करने की नहीं है।
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