सेना की उत्तरी कमान ने 50वें स्थापना दिवस पर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी

सेना की उत्तरी कमान ने 50वें स्थापना दिवस पर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी

सेना की उत्तरी कमान ने 50वें स्थापना दिवस पर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:34 pm IST
Published Date: June 17, 2021 12:15 pm IST

जम्मू, 17 जून (भाषा) सेना की उत्तरी कमान ने अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती के मौके पर बृहस्पतिवार को वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। स्थापना दिवस समारोह जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में कोविड के कड़े प्रोटोकॉल के बीच मनाया गया।

प्रवक्ता ने बताया कि चीफ ऑफ स्टाफ (सीओएस), मुख्यालय उत्तरी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल हरिमोहन अय्यर ने उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी और सभी रैंकों की ओर से ध्रुव समर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले उत्तरी कमान के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी

उन्होंने कहा कि उत्तरी कमान की स्थापना 17 जून 1972 को हुई थी और इसकी स्थापना के 50 साल पूरे हो गए हैं।

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सैनिकों को अपने संदेश में सैन्य कमांडर ने कहा कि ये गौरवशाली वर्ष ‘ऑपरेशन मेघदूत’, ‘ऑपरेशन पराक्रम’, ‘ऑपरेशन विजय’ ‘ऑपरेशन रक्षक’ और ‘ओपी स्नो लेपर्ड’ में उत्तरी कमान की ऐतिहासिक उपलब्धियों के प्रमाण हैं।

नियंत्रण रेखा (एलओसी) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आक्रामकता के खिलाफ भारतीय सेना की दृढ़ प्रतिक्रिया ने कई तारीफें हासिल की हैं।

उन्होंने कहा, “इसके अलावा, हमारे दृढ़ मगर जन अनुकूल उप-पारंपरिक अभियानों ने न सिर्फ हमारे पश्चिमी शत्रु द्वारा राष्ट्र को अस्थिर करने के प्रयासों को विफल किया, बल्कि स्थानीय आबादी के दिल और दिमाग को भी जीत लिया है।”

लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने कहा कि उत्तरी कमान बर्फ के तूफान, भूकंप, लेह में बादल फटना (2010), जम्मू-कश्मीर में बाढ़ (2014) और लगातार हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रशासन और लोगों की सहायता के लिए सबसे आगे रही है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा कोविड-19 महामारी एक और उदाहरण है जब भारतीय सेना ने लोगों की जरूरत के समय में उनकी मदद की।

भाषा

नोमान माधव

माधव


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