महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन

महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन

महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन
Modified Date: March 16, 2025 / 12:55 pm IST
Published Date: March 16, 2025 12:55 pm IST

जयपुर, 16 मार्च (भाषा) मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और एचआरएच होटल समूह के अध्यक्ष अरविंद सिंह मेवाड़ का उदयपुर में लंबी बीमारी के बाद रविवार को निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे।

परिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

मेवाड़, राजा महाराणा प्रताप के वंशज थे और लंबे समय से बीमार थे। उदयपुर स्थित उनके निवास ‘सिटी पैलेस’ में उनका इलाज हो रहा था।

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उनके परिवार में पत्नी विजयराज कुमारी, बेटा लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और बेटियां भार्गवी कुमारी मेवाड़ और पद्मजा कुमारी परमार हैं।उनका अंतिम संस्कार सोमवार को होगा। उदयपुर सिटी पैलेस रविवार और सोमवार को पर्यटकों के लिए बंद रहेगा।

वह भगवंत सिंह मेवाड़ और सुशीला कुमारी के छोटे बेटे थे। उनके बड़े भाई महेंद्र सिंह मेवाड़ का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया था। अरविंद सिंह मेवाड़ की शिक्षा दीक्षा अजमेर के मेयो कॉलेज में हुई और उन्होंने उदयपुर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। मेवाड़ ने ब्रिटेन से ‘होटल मैनेजमेंट’ की पढ़ाई की थी और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय होटलों में प्रशिक्षण प्राप्त किया।

वह एचआरएच ग्रुप ऑफ़ होटल्स का निर्माण करने से पहले कई वर्षों तक शिकागो में रहे और काम किया। वह क्रिकेट, पोलो और संगीत प्रेमी थे। मेवाड़ ने 1945-46 में राजस्थान के कप्तान के रूप में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और उनका एक क्रिकेटर के रूप में लगभग दो दशक तक शानदार करियर रहा।

वे 1970 के दशक में पोलो खिलाड़ी थे, लेकिन चिकित्सा कारणों से उन्होंने खेल छोड़ दिया।

इंग्लैंड में पेशेवर पोलो के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए, उन्होंने कैम्ब्रिज में ‘उदयपुर कप’ और न्यूमार्केट पोलो क्लब की स्थापना की।

उदयपुर में ‘मेवाड़ पोलो’ का गठन एक पोलो टीम के रूप में किया गया था, जिसमें पेशेवर खिलाड़ी शामिल थे जिन्हें भारतीय प्रतियोगिताओं के लिए विशेष रूप से चुना गया था और प्रशिक्षित किया गया था।

‘मेवाड़ पोलो’ टीम ने 1991 में 61वें ‘कैवेलरी’ खिलाड़ियों को हराकर प्रतिष्ठित प्रेसिडेंट कप जीता।

वह एक उत्साही पायलट भी थे और उन्होंने माइक्रोलाइट विमान से पूरे भारत में एकल उड़ान भरी थी।

मेवाड़ उदयपुर के महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी थे। उन्होंने अन्य ट्रस्टों का भी नेतृत्व किया। उनके पिता भगवंत सिंह मेवाड़ की मृत्यु के बाद से, मेवाड़ घराने के नेतृत्व और संपत्ति को लेकर उनके वंशजों के बीच संघर्ष और मतभेद रहे।

दरअसल भगवंत सिंह ने एक ट्रस्ट के माध्यम से अपनी संपत्ति अरविंद को दे दी थी, उन्हें अपना उत्तराधिकारी नामित किया था और अपने सबसे बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ को विरासत से वंचित कर दिया, क्योंकि उन्होंने उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया था।

वर्ष 1984 में अपने पिता की मृत्यु के बाद अरविंद ने घर का नेतृत्व संभाला। लेकिन बड़े बेटे होने के नाते महेंद्र सिंह मेवाड़ को परिवार के नाममात्र के मुखिया के रूप में ताज पहनाया गया। महेंद्र सिंह मेवाड़ का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया और उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़, जो भाजपा के विधायक भी हैं को परिवार का नाममात्र का मुखिया बनाया गया।

विवाद तब शुरू हुआ जब विश्वराज सिंह को उनके चचेरे भाई और अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे लक्ष्यराज सिंह ने उदयपुर के सिटी पैलेस में अनुष्ठान पूरा करने के लिए प्रवेश नहीं करने दिया। हालांकि, बाद में गतिरोध तब खत्म हुआ जब भाजपा विधायक विश्वराज सिंह को आखिरकार सिटी पैलेस में प्रवेश करने की अनुमति दी गई ताकि वे देवता की पूजा करने के लिए ‘धूनी’ (पवित्र अग्नि) पर जा सकें।

भाषा कुंज शोभना

शोभना


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