Owaisi’s Tweet On Mohan Bhagwat’s Statement : नफरत हिंदुत्व की देन, कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे वाली सोच का अटूट हिस्सा: असदुद्दीन ओवैसी

Owaisi's Tweet On Mohan Bhagwat's Statement : नफरत हिंदुत्व की देन, कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे वाली सोच का अटूट हिस्सा: असदुद्दीन ओवैसी

Owaisi’s Tweet On Mohan Bhagwat’s Statement : नफरत हिंदुत्व की देन, कायरता, हिंसा और कत्ल करना गोडसे वाली सोच का अटूट हिस्सा: असदुद्दीन ओवैसी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 pm IST
Published Date: July 5, 2021 12:12 pm IST

Owaisi’s Tweet On Mohan Bhagwat’s Statement

हैदराबाद : मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस चीफ मोहन भागवत द्वारा हिंदुओं और मुसलमनों के डीएनए और लिंचिंग को लेकर दिए बयान पर सियासत गरमा गई है। उनके इस बयान पर देशभर के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसी कड़ी में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए बड़ा बयान दिया है।

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एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर मोहन भागवत को घेरा। ओवैसी ने ट्वीट में लिखा है कि आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फर्क नहीं पता होगा, लेकिन कत्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ये नफरत हिंदुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है।

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केंद्रीय मंत्री के हाथों अलीमुद्दीन के कातिलों की गुलपोशी हो जाती है, अखलाक़ के हत्यारे की लाश पर तिरंगा लगाया जाता है, आसिफ़ को मारने वालों के समर्थन में महापंचायत बुलाई जाती है, जहाँ भाजपा का प्रवक्ता पूछता है कि “क्या हम मर्डर भी नहीं कर सकते?” कायरता, हिंसा और क़त्ल करना गोडसे की हिंदुत्व वाली सोंच का अटूट हिस्सा है।मुसलमानो की लिंचिंग भी इसी सोच का नतीजा है। 

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दरअसल मोहन भागवत ने कल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है, क्योंकि वे अलग नहीं, बल्कि एक हैं। पूजा करने के तरीके को लेकर लोगों के बीच अंतर नहीं किया जा सकता। कुछ काम ऐसे हैं जो राजनीति नहीं कर सकती। राजनीति लोगों को एकजुट नहीं कर सकती। राजनीति लोगों को एकजुट करने का हथियार नहीं बन सकती है। उन्होंने आगे कहा कि यह सिद्ध हो चुका है कि हम पिछले 40,000 सालों से एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। भारत के लोगों का डीएनए एक जैसा है। हिंदू और मुसलमान दो समूह नहीं हैं, एकजुट होने के लिए कुछ भी नहीं है, वे पहले से ही एक साथ हैं।

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