खत्म हुआ मुस्लिम विवाह और तलाक कानून… बाल विवाह रोकने इस राज्य की सरकार ने लिया बड़ा फैसला

खत्म हुआ मुस्लिम विवाह और तलाक कानून... इस राज्य की सरकार ने लिया बड़ा फैसला Assam government abolished Muslim marriage and divorce law

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  • Publish Date - February 24, 2024 / 02:36 PM IST,
    Updated On - February 24, 2024 / 02:36 PM IST

नई दिल्ली। बाल विवाह को रेकने के लिए असम सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जी हां… राज्य में मुस्लिम विवाह और तलाक कानून खत्म कर दिया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा की अध्यक्षता में शुक्रवार देर रात हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, कि 23 फरवरी को असम कैबिनेट ने एक अहम फैसला लेते हुए वर्षों पुराने असम मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून को वापस ले लिया गया है।

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बाल विवाह रोकने के लिया लिया फैसला

सीएम ने कहा, कि इस कानून में ऐसे प्रावधान थे कि अगर दूल्हा और दुल्हन शादी की कानूनी उम्र यानी लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल के नहीं हुए हैं, तो भी शादी को पंजीकृत कर दिया जाता था। यह असम में बाल विवाह रोकने की दिशा में अहम कदम है।’

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मुस्लिम विवाह रजिस्ट्रार्स को मिलेगा मुआवजा

बता दें कि मुस्लिम विवाह एवं तलाक पंजीकरण कानून खत्म होने के बाद मुस्लिमों की शादी का पंजीकरण भी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत जिला आयुक्त और जिला रजिस्ट्रार कर सकेंगे, जो कि पहले 94 मुस्लिम विवाह रजिस्ट्रार करते थे। सरकार ने घोषणा की है, कि मुस्लिम विवाह का पंजीकरण करने वाले रजिस्ट्रार्स को हटाया जाएगा और उन्हें एकमुश्त दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। असम सरकार ने कानून हटाने के पीछे तर्क दिया है कि ये कानून अंग्रेजी शासनकाल के दौर के हैं।

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