असम का कार्बी आंगलोंग उग्रवाद से विकास की ओर बढ़ा: हिमंत

असम का कार्बी आंगलोंग उग्रवाद से विकास की ओर बढ़ा: हिमंत

असम का कार्बी आंगलोंग उग्रवाद से विकास की ओर बढ़ा: हिमंत
Modified Date: April 17, 2025 / 04:30 pm IST
Published Date: April 17, 2025 4:30 pm IST

गुवाहाटी, 17 अप्रैल (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि कभी उग्रवादी गतिविधियों का केंद्र रहे कार्बी आंगलोंग में 2021 में छह संगठनों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद पिछले कुछ वर्षों में बदलाव आया है।

पहाड़ी जिले कार्बी आंगलोंग की अपनी दो दिवसीय यात्रा के पहले दिन मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी अशांत रहा यह जिला शांति और विकास के रास्ते पर है, जिसमें पूर्व उग्रवादियों को समाज में पुनः शामिल करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले छह संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की तथा समझौते की शर्तों की समीक्षा की।

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शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बंदूक से लेकर मूंगफली और उग्रवाद से लेकर उद्यमिता तक, कार्बी आंगलोंग ने हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर बदलाव देखा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न सशस्त्र समूहों के उन पूर्व सदस्यों से मुलाकात की जिन्होंने समृद्ध समाज के निर्माण में मदद करने के लिए हिंसा का मार्ग छोड़ दिया। हमारे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से, कई लोग मत्स्यपालन और कृषि उद्यमी बनने के साथ-साथ रोजगार सृजनकर्ता भी बन गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास पर जोर देते हुए और केंद्र के 1,000 करोड़ रुपये के पैकेज के साथ कार्बी शांति समझौते को ‘शब्दशः’ लागू कर रही है।

शर्मा ने कहा, ‘‘इस मौके पर मैंने छह पूर्ववर्ती समूहों के पूर्व सदस्यों के साथ समझौते की शर्तों की भी समीक्षा की।’’

सभी छह कार्बी संगठनों, कार्बी लोंगरी एनसी हिल्स लिबरेशन फ्रंट (केएलएनएलएफ), पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी लोंगरी (पीडीसीके), कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर (केपीएलटी) के तीन गुटों और यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (यूपीएलए) के प्रतिनिधियों ने उसी वर्ष मई में मुख्यमंत्री के पदभार ग्रहण करने के बाद सितंबर 2021 में समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव


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