संगरूर (पंजाब), 17 अक्टूबर (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को कहा कि राज्य विधानसभा का आगामी दो दिवसीय सत्र पूर्ण रूप से वैध होगा, जिसके दौरान सदन में जनता से जुड़े कई विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री मान की यह टिप्पणी राज्यपाल के सचिवालय द्वारा जारी किए गए एक बयान के कुछ दिन बाद आई है। दरअसल राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में 20-21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा के सत्र को ‘अवैध’ और इसके दौरान किए जाने वाले कार्यों को ‘गैरकानूनी’ बताया था जबकि पंजाब सरकार इस सत्र को बजट सत्र के विस्तार के रूप में प्रस्तुत कर रही है।
मान ने कहा कि पंजाब विधानसभा का सत्र पूर्ण रूप से वैध और कानूनी है क्योंकि इसे कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करने के बाद और संविधान के अनुरूप ही बुलाया गया है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ”विधानसभा सत्र 20 और 21 अक्टूबर को होने जा रहा है और इस सत्र में जनता से जुड़े कई विधेयक लाए जाएंगे।” उन्होंने कहा कि सत्र कानून के मुताबिक होगा।
उन्होंने कहा कि विधानसभा लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित इकाई है, जो सिर्फ राज्य के लोगों के प्रति जवाबदेह है।
सरकार के अधिकारियों ने पूर्व में कहा था कि दो दिवसीय यह सत्र मौजूदा विधानसभा के चौथे सत्र (मार्च में हुआ बजट सत्र) का विस्तार होगा।
उन्होंने तर्क दिया कि चूंकि चौथे सत्र को अभी तक स्थगित नहीं किया गया था इसलिए विधानसभा की बैठक बुलाने के लिए राज्यपाल की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है और विधानसभा अध्यक्ष सत्र बुलाने के लिए सक्षम हैं।
20-21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा सत्र में पंजाब में सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के निर्माण पर उच्चतम न्यायालय के हालिया निर्देश पर चर्चा होने की उम्मीद है। एसवाईएल, एक ऐसी परियोजना है, जिसे राज्य पूरा करने के लिए अनिच्छुक है और पंजाब का दावा है कि उसके पास पड़ोसी राज्य हरियाणा के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है।
भाषा
जितेंद्र पवनेश
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