चंडीगढ़, 24 फरवरी (भाषा) कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के समर्थकों द्वारा अजनाला में पुलिस थाने पर हमला करने के एक दिन बाद पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने शुक्रवार को कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को एक ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था और पुलिसकर्मियों पर कायरतापूर्ण तरीके से हमला किया था, जिसमें छह लोग घायल हो गए थे।
उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किये जाने का आश्वासन देने के बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने तेज धार वाले हथियारों का इस्तेमाल किया।
यादव ने कहा, ‘‘पुलिसकर्मियों पर कायरतापूर्ण तरीके से हमला किया गया, जिसमें छह कर्मी घायल हो गये थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने गुरु ग्रंथ साहिब की मर्यादा के कारण बहुत ही संयम के साथ काम किया और इसे संरक्षित किया। अगर पुलिस ने गोलीबारी की होती, तो स्थिति और खराब हो सकती थी, लेकिन हमने संयम के साथ काम किया।’’
उपदेशक के समर्थकों ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शन के दौरान बैरिकेड तोड़ दिये थे और यहां पुलिस थाना परिसर में हंगामा किया था। इस दौरान कुछ समर्थकों के हाथों में तलवारें और बंदूकें थीं। समर्थक मांग कर रहे थे कि लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को रिहा किया जाए।
‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक पुलिस थाने में ‘अमृत संचार’ (एक सिख समारोह) आयोजित करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति ले जाने वाला एक वाहन भी लाए थे।
अमृतपाल सिंह के सहयोगी लवप्रीत सिंह को शुक्रवार को यहां जेल से रिहा कर दिया गया।
डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस शांति और सद्भाव का माहौल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कुछ तत्व राज्य में शांति का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
भाषा
देवेंद्र दिलीप
दिलीप
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