मुंबई । बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार से यह जानना चाहा कि क्या उसने राज्य में औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों का नया नाम रखने का फैसला करने से पहले आपत्तियां या सुझाव मांगे थे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस वी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की खंड पीठ ने केंद्र सरकार को भी निर्देश दिया कि वह इस बारे में बताये कि क्या राज्य सरकार ने नाम परिवर्तन को लेकर कोई प्रस्ताव सौंपा है। अदालत ने राज्य सरकार से सवाल किया कि नाम परिवर्तन किये जाने की अंतिम प्रक्रिया पूरी हुए बगैर क्या प्राधिकार नये नाम का उपयोग आधिकारिक पत्राचार में कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने पिछले साल औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदल कर क्रमश: संभाजी नगर और धाराशिव रखने को मंजूरी दी थी। इस फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में दो जनहित याचिकाएं दायर की गई थी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान पीठ ने केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से सवाल किया, ‘‘क्या उसने आपत्तियां मांगी है।’’ वकील ने कहा, ‘‘हमें अभी यह प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।’’ पीठ ने याचिकाओं की सुनवाई 15 फरवरी के लिए निर्धारित कर दी।
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