नई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के भूमि विवाद को अपनी मध्यस्थता में आपसी बातचीत से हल करने की पहल पर विचार करने के लिए बुधवार को अपने फैसला सुरक्षित रखा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह न केवल संपत्ति के बारे में, बल्कि भावना और विश्वास के बारे में भी है। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद मामले पर कहा कि पूर्व में हुई चीजों पर नियंत्रण नहीं है।
सुनवाई की शुरुआत में हिंदू महासभा ने पीठ से कहा जनता मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं होगी, तो इस पर संविधान पीठ ने कहा कि आप कह रहे हैं कि इस मसले पर समझौता नहीं हो सकता। जस्टिस बोबड़े ने हिंदू महासभा से कहा- आप कह रहे हैं कि समझौता फेल हो जाएगा, आप प्री जज कैसे कर सकते हैं ?
अयोध्या मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा, अतीत में जो हुआ उस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है, किसने आक्रमण किया, कौन राजा था, मंदिर या मस्जिद थी? हमें वर्तमान विवाद के बारे में पता है। हम केवल विवाद को सुलझाने के बारे में चिंतित हैं।
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