कोविड-19 के हल्के एवं मध्यम संक्रमण के मामलों में प्रभावी हो सकती हैं आयुर्वेदिक दवाएं : एआईआईए

कोविड-19 के हल्के एवं मध्यम संक्रमण के मामलों में प्रभावी हो सकती हैं आयुर्वेदिक दवाएं : एआईआईए

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  • Publish Date - November 1, 2020 / 11:58 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:54 PM IST

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के डॉक्टरों के एक दल ने पाया है कि आयुष क्वाथ और

फीफाट्रोल जैसी आयुर्वेदिक औषधियां कोविड-19 के हल्के एवं मध्यम संक्रमण के इलाज में प्रभावी हो सकती हैं और यह मरीज को काफी तेजी से ठीक करने में सक्षम हो सकती हैं।

आयुष मंत्रालय के तहत संचालित एआईआईए के जर्नल में प्रकाशित ”आयुर्वेद केस रिपोर्ट” के मुताबिक, चार आयुर्वेदिक दवाइयां- आयुष क्वाथ, संशमनी वटी, फीफाट्रॉल गोलियां और लक्ष्मीविलास रस, ना केवल कोविड-19 मरीज की स्थिति में सुधार लाती हैं बल्कि मात्र छह दिन के उपचार में ही रैपिड एंटीजन जांच की रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है।

वर्तमान में कोविड-19 बीमारी की कोई कारगर दवा उपलब्ध नहीं है।

कोरोना वायरस संक्रमित एक 30 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी के मामले का हवाला देकर अक्टूबर में प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया कि इस कर्मी का उपचार संशमन (वमन कर्म) थैरेपी से किया गया, जिसमें उसे आयुष क्वाथ, संशमनीवटी, फीफाट्रॉल गोलियां और लक्ष्मीविलास रस की खुराक दी गई।

इस मरीज को कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद घर में ही पृथक-वास में रहने की सलाह दी गई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, ” उपचार के लिए उपयोग में लाई गईं ये आयुवेर्दिक दवाएं बुखार, सांस लेने में तकलीफ, थकान और गंध सूंघने की क्षमता में कमी जैसे लक्षणों को दूर करने में प्रभावी साबित हुईं। साथ ही वायरस संक्रमण को दूर करने में प्रभावी रहीं क्योंकि मात्र छह दिन के उपचार के बाद ही मरीज के रैपिड एंटीजन परीक्षण में संक्रमण नहीं पाया गया और 16वें दिन किया गया आरटी-पीसीआर परीक्षण का नतीजा भी निगेटिव आया।”

इस रिपोर्ट के लेखक एआईआईए के डॉ शिशिर कुमार मंडल, डॉ मीनाक्षी शर्मा, डॉ चारू शर्मा, डॉ शालिनी राय और डॉ आनंद मोरे हैं।

भाषा

शफीक वैभव

वैभव