उच्चतम न्यायालय ने शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई

उच्चतम न्यायालय ने शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई

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  • Publish Date - December 19, 2025 / 04:49 PM IST,
    Updated On - December 19, 2025 / 04:49 PM IST

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई, जिसमें उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति एन वी अंजारी की पीठ ने मजीठिया की याचिका पर नोटिस जारी कर 19 जनवरी के लिए सुनवाई निर्धारित की। हालांकि, इसने अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

उच्च न्यायालय ने चार दिसंबर के अपने आदेश में मजीठिया की जमानत याचिका को यह उल्लेख करते हुए खारिज कर दिया कि जांच को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

पंजाब सतर्कता ब्यूरो को तीन महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि इसके बाद मजीठिया जमानत पर रिहाई का आग्रह कर सकते हैं।

शीर्ष अदालत के समक्ष सुनवाई के दौरान, मजीठिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एस मुरलीधर ने कहा कि याचिकाकर्ता को इससे पहले एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत दर्ज एक मामले में जमानत दी गई थी।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें दी गई जमानत को चुनौती देने वाली पंजाब सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था।

पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने 25 जून को मजीठिया को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसमें कथित तौर पर 540 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा करने का आरोप है।

मजीठिया के खिलाफ प्राथमिकी पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम द्वारा की गई 2021 के मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले की जांच से संबंधित है।

भाषा

नेत्रपाल दिलीप

दिलीप