जी राम जी विधेयक: तृणमूल सांसदों ने पूरी रात दिया धरना, कांग्रेस और कई अन्य दलों ने भी किया प्रदर्शन

जी राम जी विधेयक: तृणमूल सांसदों ने पूरी रात दिया धरना, कांग्रेस और कई अन्य दलों ने भी किया प्रदर्शन

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  • Publish Date - December 19, 2025 / 04:49 PM IST,
    Updated On - December 19, 2025 / 04:49 PM IST

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक’ पारित होने के बाद इसका विरोध करते हुए बृहस्पतिवार देर रात से शुक्रवार को दिन में 12 बजे तक संसद परिसर में धरना दिया और आरोप लगाया कि विधेयक को मनमाने ढंग से पारित किया गया है।

कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने शुक्रवार सुबह संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने से पहले जी राम जी विधेयक को लेकर प्रदर्शन किया।

संसद ने बृहस्पतिवार को ‘विकसित भारत- जी राम जी विधेयक, 2025’ को मंजूरी दी। पहले यह विधेयक लोकसभा से और देर रात राज्यसभा से पारित किया गया। यह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लेगा।

संसद में विधेयक पारित होने के तुरंत बाद शुरू हुए तृणमूल के धरने में अन्य दलों के सांसद भी शामिल हुए। द्रमुक नेता तिरुचि शिवा, कांग्रेस सांसद जेबी माथेर, सैयद नासिर हुसैन, इमरान प्रतापगढ़ी, शक्ति सिंह गोहिल, आप के संदीप पाठक ने शुक्रवार सुबह इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

तृणमूल सांसद पूरी रात संसद परिसर में धरने पर बैठे रहे।

राज्यसभा में पार्टी की उपनेता सागरिका घोष ने कहा कि विरोध मनरेगा के ‘‘विनाश’’ के खिलाफ था, जिसे राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद जी राम जी कानून से बदल दिया जाएगा।

घोष ने कहा, ‘‘जिस तरह से मोदी सरकार ने नरेगा अधिनियम को नष्ट कर दिया है और उसकी जगह जी राम जी विधेयक लाया गया है, उसके कारण हमने धरना दिया। सरकार द्वारा इसे सदन में पेश करने से सिर्फ पांच घंटे पहले हमें यह दिया गया था। मोदी सरकार कानून को आगे बढ़ाने के लिए बुलडोजर रणनीति का उपयोग कर रही है।’’

उन्होंने कहा कि विधेयक को विस्तृत चर्चा के लिए प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए था।

घोष ने कहा, ‘‘नरेगा अधिनियम ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों को, श्रमिकों को रोजगार दे रहा था। इस विधेयक को नष्ट कर सरकार ने ग्रामीण गरीबों पर हमला किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने दूसरी बार महात्मा गांधी की हत्या की है। उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर का भी अपमान किया है।’’

विरोध प्रदर्शन में एक बैनर पर लिखा था, ‘‘महात्मा गांधी नरेगा। गुरुदेव ने (महात्मा गांधी को) महात्मा की उपाधि दी थी’’।

बृहस्पतिवार देर रात सांसदों ने संविधान सदन की सीढ़ियों पर कंबल लपेटकर नारे लगाए और बांग्ला गाने गाए।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सांसदों से संपर्क किया और उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की।

पार्टी के एक नेता ने कहा कि कुछ सांसदों के घरों से जलपान आया था। द्रमुक नेता तिरुचि शिवा ने इडली भेजी, जबकि समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन और कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी भी प्रदर्शनकारी सांसदों के लिए भोजन लेकर आईं।

तृणमूल सांसदों ने शुक्रवार दोपहर 12 बजे धरना समाप्त किया।

पार्टी के एक नेता ने कहा कि तृणमूल सांसद शुक्रवार को लोकसभा या राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए, क्योंकि सुबह ही दोनों सदनों की बैठकों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

कांग्रेस और कई विपक्षी दलों के सांसदों ने मनरेगा के स्थान पर ‘विकसित भारत- जी राम जी विधेयक’ संसद द्वारा पारित किए जाने के बाद शुक्रवार सुबह संसद परिसर में प्रदर्शन किया।

विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार के निकट सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने हाथों में महात्मा गांधी की तस्वीर वाली तख्तियां ले रखी थीं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह विधेयक सबसे गरीब लोगों के लिए बहुत हानिकारक होने वाला है क्योंकि मूल मनरेगा योजना में केंद्र 90 प्रतिशत धनराशि का भुगतान करता था और वह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ थी। योजना उन लोगों के लिए बड़ा सहयोग थी जो बहुत गरीब हैं और जिन्हें रोजगार मिलने में कठिनाई होती थी।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले 20 वर्षों से मनरेगा गरीब लोगों की आजीविका और उनकी मदद करने वाली अच्छी योजनाओं में से एक रही है। अब, नए विधेयक के तहत केंद्र से धन के आवंटन में कटौती की जाएगी, तो राज्य इसे वहन करने में सक्षम नहीं होंगे। इसका मतलब यह है कि यह योजना खत्म हो जायेगी। यह बहुत हानिकारक होने वाली है।’’

भाषा हक हक अविनाश

अविनाश