कोलकाता, दो सितंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा के सदस्य समीरुल इस्लाम ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के एक आदिवासी मजदूर को बांग्ला भाषा बोलने के कारण ओडिशा में पीटा गया।
इस्लाम ने दावा किया कि गाजोल निवासी युवक बिनॉय बेसरा को पहले गांव वालों ने पकड़ा और बाद में भाजपा-शासित ओडिशा में उसके साथ मारपीट की गई।
इस्साम पश्चिम बंगाल सरकार के प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।
नेता ने ‘एक्स’ पर मजदूर का एक वीडियो साझा करते हुए कहा, ‘‘उसे पहले गांववालों ने बांग्ला भाषा बोलने के कारण पकड़ा, फिर पुलिस आई। उसकी बातों को सुनिए कि कैसे उसे बेरहमी से पीटा गया जब तक वह किसी तरह उन बांग्ला विरोध करने वालों से बचकर नहीं भाग गया।’”
इस्लाम ने बताया कि बेसरा 15 दिन पहले प्रवासी मजदूर के रूप में काम करने के लिए ओडिशा गया था।
उन्होंने भाजपा पर ‘बांग्ला भाषी के खिलाफ अत्याचारों’ में लिप्त होने का आरोप लगाया और दावा किया कि ऐसी ताकतें ‘‘किसी को भी नहीं बख्शेंगी, चाहे वह मतुआ हो, राजबंशी हो या किसी स्वदेशी समुदाय का सदस्य हो।”
इस्लाम ने सोमवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के तीन प्रवासी मज़दूरों को ममता बनर्जी सरकार के हस्तक्षेप के बाद रिहा कर दिया गया। असम पुलिस ने इन्हें बांग्लादेशी होने के शक में हिरासत में लिया था।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ‘बांग्ला भाषी रोधी ताकतों’ के खिलाफ व्यापक अभियान का आह्वान किया है।
भाषा प्रीति माधव
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