बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर विवाद: न्यायालय 16 मई के फैसले से जुड़ी समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई को तैयार
बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर विवाद: न्यायालय 16 मई के फैसले से जुड़ी समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई को तैयार
नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय इस्कॉन इंडिया की ओर से दायर उस याचिका पर सुनवाई के लिए बुधवार को सहमत हो गया, जिसमें बेंगलुरु के प्रतिष्ठित हरे कृष्ण मंदिर को शहर की इस्कॉन सोसायटी का बताने के शीर्ष अदालत के 16 मई के फैसले की समीक्षा का अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने इस्कॉन इंडिया की ओर से दायर समीक्षा याचिका तथा इसी तरह की अन्य याचिकाओं को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।
इसके साथ ही पीठ ने अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के बेंगलुरु गुट और अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
शीर्ष अदालत ने 16 मई को बेंगलुरु स्थित हरे कृष्ण मंदिर का नियंत्रण इस्कॉन के मुंबई गुट को देने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के मई 2011 के आदेश को रद्द कर दिया था।
बेंगलुरु मंदिर के नियंत्रण को लेकर इस्कॉन के मुंबई और बेंगलुरु गुटों के बीच 25 साल से अधिक पुराना कानूनी विवाद 28 अक्टूबर को फिर से शुरू हो गया, जब 16 मई के फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली इस्कॉन इंडिया की याचिका पर दो-न्यायाधीशों की पीठ ने खंडित फैसला दिया।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी ने जहां इस्कॉन इंडिया की याचिका में दम पाया और मामले को खुली अदालत में सुनने की सहमति जताई तथा बेंगलुरु गुट से इस पर जवाब मांगा। वहीं, न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह ने मामले में दायर समीक्षा याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि रिकॉर्ड पर कोई स्पष्ट त्रुटि या समीक्षा याचिकाओं में कोई गुण-दोष नहीं है।
इसके बाद मामला प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखा गया और समीक्षा याचिकाओं पर विचार करने के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ का गठन किया गया।
भाषा पारुल प्रशांत
प्रशांत

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