Vote For Note Case: वोट के बदले नोट मामले में सांसदों को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने कहा – घूसखोरी में नहीं दी जाएगी कोई राहत
Vote For Note Case: सुप्रीम कोर्ट ने नोट के बदले वोट देने के मामले में सांसदों को किसी भी तरह की छूट से इनकार कर दिया है।
Today News and LIVE Update 29 November | Photo Credit : File
नई दिल्ली : Vote For Note Case: वोट के बदले नोट मामले ने सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने नोट के बदले वोट देने के मामले में सांसदों को किसी भी तरह की छूट से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों वाली संवैधानिक बेंच ने आज यानी सोमवार को ये बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने ही पुराने फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 105 का हवाला देते हुए कहा कि घूसखोरी के मामले में सांसदों को भी कोई राहत नहीं दी जा सकती। 1993 में नरसिम्हा राव सरकार के समर्थन में वोट करने के लिए सांसदों को घूस दिए जाने का आरोप लगा था।
सुप्रीम कोर्ट ने बदली विशेषाधिकार की परिभाषा
Vote For Note Case: इस मामले में 1998 में 5 जजों की बेंच ने 3-2 के बहुमत से फैसला दिया था कि संसद में जो भी कार्य सांसद करते हैं, यह उनके विशेषाधिकार में आता है। लेकिन अब शीर्ष अदालत ने विशेषाधिकार की उस परिभाषा को ही बदल दिया है। बेंच ने कहा कि अनुच्छेद 105 आम नागरिकों की तरह ही सांसदों और विधायकों को भी रिश्वतखोरी की छूट नहीं देता है। 1998 के फैसले में संवैधानिक बेंच ने कहा था कि संसद में यदि कोई कार्य होता है तो वह सांसदों का विशेषाधिकार है और उस पर मुकदमा नहीं चल सकता। लेकिन अब उस राहत को कोर्ट ने नए फैसले से वापस ले लिया है।
सांसदों पर भी आम नागरिकों की तरह चलेगा केस
Vote For Note Case: नोट के बदले वोट मामले में फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि, वोट के बदले सांसद घूस लेते हैं तो उन पर भी आम नागरिकों की तरह ही केस चलेगा। भले ही उन्होंने संसद में सवाल पूछने के लिए ही क्यों न घूस ली हो। सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले में सख्त लाइन लेते हुए कहा कि सांसदों का घूस लेना या फिर भ्रष्टाचार करना संविधान के सिद्धांतों और उसके आदर्शों का हनन करना है।
सुप्रीम कोर्ट ने बताए सांसदों और विधायकों के विशेषाधिकार
Vote For Note Case: सांसदों के विशेषाधिकारों को स्पष्ट करते हुए जजों की बेंच ने कहा कि, यह चीज संसदीय कार्यवाही पर लागू होती है। लेकिन संसदीय काम के लिए यदि उससे बाहर कोई घूस ली जाती है तो उस पर छूट नहीं मिल सकती। सुप्रीम कोर्ट के जजों की बेंच ने कहा कि यदि इस तरह की अनचेक छूट दी गई तो फिर एक ऐसा वर्ग तैयार हो जाएगा, जिसे भ्रष्टाचार पर भी राहत मिलेगी। इस तरह एक सांसद या फिर विधायक को संसद या विधानसभा में भाषण अथवा वोट के लिए नोट की छूट नहीं जा सकती।

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