नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके सहयोगियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए पीएफआई और उसके साथ संगठनो को पांच साल की अवधि के लिए अवैध संघ घोषित कर दिया है। बुधवार को इस संगठन को आतंकी फंडिंग से कथित संबंधों के लिए प्रतिबंधित किया गया। आपको बताते चले कि इससे पहले 22 सितंबर को, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के नेतृत्व में बहु-एजेंसी टीमों ने देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में 15 राज्यों में पीएफआई के 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। NIA पीएफआई से जुड़े 19 मामलों की जांच कर रही है। 7 राज्यों में 200 ठिकानों पर रेड कर 170 से ज्यादा कैडर्स को हिरासत में ले लिया गया था।
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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को 2007 में बनाया गया। ये संगठन खुद को “अल्पसंख्यकों, दलितों और हाशिए के समुदायों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठन” के रूप में वर्णित करता है। इसकी स्थापना दक्षिणी भारत में तीन मुस्लिम संगठनों, केरल में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु में मनिथा नीति पसाराई के विलय के बाद हुई थी। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कथित तौर पर जुड़े 170 से अधिक लोगों को मंगलवार को सात राज्यों में छापेमारी में हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया, पांच दिन बाद समूह के खिलाफ इसी तरह की अखिल भारतीय कार्रवाई अक्सर कट्टरपंथी इस्लाम से जुड़े होने का आरोप लगाया जाता है।
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जांच टीम ने महाराष्ट्र में 25-25 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि उत्तर प्रदेश में 57 लोगों को हिरासत में लिया गया। दिल्ली में हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या 30, मध्य प्रदेश में 21, गुजरात में 10 और महाराष्ट्र के पुणे में छह थी। इसके अलावा, कर्नाटक में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। ज्यादातर राज्य पुलिस टीमों द्वारा आयोजित, छापे उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश में फैले हुए थे। पीएफआई के संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी (SIMI) के नेता रहे हैं और पीएफआई का संबंध जमात-उल-मुजाहिद्दीन यानी जेएमबी (JMB) से भी रहा है। ये दोनों संगठन प्रतिबंधित हैं। पीएफआई के वैश्विक आतंकवादी समहूों, जैसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया यानी आईसआईएस (ISIS) के साथ अंतरराष्ट्रीय संपर्क के कई उदाहरण हैं।