चेन्नई, तीन जून (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को कहा कि दिव्यांगों को चुनाव लड़े बिना स्थानीय शासन में भाग लेने में सक्षम बनाने वाले दो विधेयकों को मिली तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि की मंजूरी पहले से ‘अपेक्षित’ थी।
स्टालिन ने मजाकिया अंदाज में कहा कि शायद राज्यपाल ने मंजूरी देने का फैसला इसलिए लिया होगा क्योंकि उन्हें राज्य सरकार के फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाने की आशंका थी।
राज्यपाल की हालिया कार्रवाई पर एक सवाल का जवाब देते हुए स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह अपेक्षित था। यह कोई मुद्दा नहीं है। तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया और इसे राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजा। उन्होंने इसे मंजूरी दे दी है। शायद उन्होंने मंजूरी इसलिए दी क्योंकि उन्हें आशंका थी कि हम अदालत जा सकते हैं।’’
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से अप्रैल में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला दिया, जिसमें राज्यपालों को सरकार द्वारा भेजे गए विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा निर्धारित की गई है।
भाषा संतोष माधव
माधव