भाजपा और तृणमूल लोगों को बांटने के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही हैं : माकपा नेता सलीम

भाजपा और तृणमूल लोगों को बांटने के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही हैं : माकपा नेता सलीम

भाजपा और तृणमूल लोगों को बांटने के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही हैं : माकपा नेता सलीम
Modified Date: November 29, 2025 / 09:12 pm IST
Published Date: November 29, 2025 9:12 pm IST

कोलकाता, 29 नवंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने शनिवार को भाजपा और तृणमूल कांग्रेस पर लोगों को बांटने के लिए ‘धर्म’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसी के साथ नागरिकों से ‘फासीवाद’ के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक वामपंथी ताकतों का समर्थन करने का आह्वान किया।

सलीम ने कूच बिहार जिले के तूफानगंज में लाल झंडा लहराते हुए लगभग 1,000 पार्टी समर्थकों की एक सभा को संबोधित करते हुए याद दिलाया कि 1980 और 1990 के दशक में सांप्रदायिकता के उदय के दौरान वामपंथियों ने इसका मुकाबला ‘‘ना हिंदू राष्ट्र, ना खालिस्तान, एक रहेगा हिंदुस्तान’’ के नारे के साथ किया था।

उन्होंने कहा,‘‘कोई ध्रुवीकरण नहीं होना चाहिए और हम सभी एकजुट हैं।’

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सलीम ने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि अलग-अलग समुदायों के लिए मंदिर, मस्जिद, चर्च और अन्य पूजा स्थल हैं। कुछ पार्टियों के कुछ लोग चुनाव आते ही ध्रुवीकरण का मुद्दा उठाते हैं। वे बंगाल और भारत के लोकाचार और बहुलवादी परंपराओं के खिलाफ हैं।’’

उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवेश को संभव बनाने का आरोप लगाया और दावा किया कि मार्क्सवादी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने वाम मोर्चा के सत्ता में रहने के दौरान ‘‘सांप्रदायिक ताकतों के लिए रास्ता तैयार करने’’ में उनकी (ममता) भूमिका को लेकर आगाह किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘याद कीजिए, जब ममता विपक्ष में थीं, तब आरएसएस ने उन्हें ‘मां दुर्गा’ बताया था।’’

सलीम ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी और उनके लोगों ने ‘लाल हटाओ, देश बचाओ’ का नारा दिया था।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में राज्य में कानून-व्यवस्था खराब हुई है और भ्रष्टाचार बढ़ा है, यह ‘उत्तर प्रदेश और बिहार’ के स्तर पर पहुंच गया है।

माकपा नेता ने भाजपा और मीडिया के एक वर्ग पर बांग्लादेश और म्यांमा से घुसपैठ की झूठी आख्या पेश करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘वे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), अल्पसंख्यक नागरिकों और विभाजन के बाद दशकों पहले भारत में आए लोगों के नाम हटाने का विमर्श पेश कर लोगों को डरा रहे हैं।’’

सलीम ने एक नए, आत्मनिर्भर बंगाल के निर्माण का आह्वान किया, जहां युवाओं को नौकरियों के लिए पलायन न करना पड़े, उद्योग फिर से निवेश करें और स्कूल की नौकरियां न बेची जाएं। उन्होंने कहा कि माकपा कार्यकर्ताओं को तृणमूल समर्थकों के क्रूर हमलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने लोकतांत्रिक संघर्ष जारी रखे।

भाषा धीरज दिलीप

दिलीप


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