बेंगलुरु, 27 सितंबर (भाषा) कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जद(एस) ने बुधवार को संयुक्त रूप से राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि वह पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को कावेरी नदी का जल छोड़ने के मुद्दे से निपटने में “नाकाम” रही है।
लोकसभा चुनाव के लिए पिछले हफ्ते दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन होने के बाद उन्होंने पहली बार एक साथ यहां विधान सौध में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
जद (एस) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी अपनी पार्टी के कुछ विधायकों और नेताओं के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, जबकि भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा, डी.वी. सदानंद गौड़ा, प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील और कई विधायकों व सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया।
हाथों में तख्तियां लिए दोनों दलों के नेताओं ने कांग्रेस सरकार, उपमुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री डी.के. शिवकुमार के खिलाफ नारे लगाए।
पिछले हफ्ते नयी दिल्ली में कुमारस्वामी की गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ बैठक के बाद जद (एस) ने भाजपा से गठबंधन करने का फैसला लिया था।
येदियुरप्पा ने कहा, ‘यह कांग्रेस सरकार, विशेष रूप से (मुख्यमंत्री) सिद्धरमैया और (उपमुख्यमंत्री) डीके शिवकुमार (तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी) द्रमुक के एजेंटों की तरह व्यवहार कर रहे हैं और उन्होंने राज्य के हितों की उपेक्षा की है। (विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ में शामिल) द्रमुक के साथ उनके (कांग्रेस की) आपसी तालमेल के कारण वे कर्नाटक के लोगों को धोखा दे रहे हैं, मैं इसकी निंदा करता हूं।”
कावेरी जल विनियमन समिति ने मंगलवार को सिफारिश की थी कि कर्नाटक 28 सितंबर से 15 अक्टूबर तक तमिलनाडु को 3,000 क्यूसेक कावेरी पानी छोड़े। समिति की इस सिफारिश के बाद कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा
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