भाजपा ने जमात-ए-इस्लामी के 200 से अधिक विद्यालयों पर सरकार के नियंत्रण को सही करार दिया

भाजपा ने जमात-ए-इस्लामी के 200 से अधिक विद्यालयों पर सरकार के नियंत्रण को सही करार दिया

भाजपा ने जमात-ए-इस्लामी के 200 से अधिक विद्यालयों पर सरकार के नियंत्रण को सही करार दिया
Modified Date: August 23, 2025 / 07:17 pm IST
Published Date: August 23, 2025 7:17 pm IST

जम्मू, 23 अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) से संबद्ध कश्मीर के 200 से अधिक स्कूलों को सरकार द्वारा नियंत्रण में लिये जाने का स्वागत किया है और कहा है कि उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन ने इस कार्रवाई से हजारों विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित किया है।

प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष प्रिया सेठी ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी और उससे संबद्ध संगठन फलाह-ए-आम ट्रस्ट (एफएटी) ने ज्ञान के बजाय कट्टरपंथ फैलाने के लिए शिक्षा के पवित्र मंच का दुरुपयोग किया है।

पूर्व शिक्षा मंत्री सेठी ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘इन स्कूलों का नियंत्रण अपने हाथ में लेकर सरकार ने इस दुष्चक्र को तोड़ दिया है और हजारों भोले-भाले विद्यार्थियों का शैक्षणिक भविष्य सुरक्षित कर दिया है।’’

 ⁠

उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने जमात-ए-इस्लामी को उसके राष्ट्र-विरोधी एजेंडे के कारण एक गैरकानूनी संगठन घोषित करके सही किया है और हाल में इससे संबद्ध 215 स्कूलों को सरकार द्वारा अपने हाथों में लिया जाना ‘‘शिक्षा के खतरनाक दुरुपयोग’’ को रोकने की दिशा में एक मज़बूत कदम है।

प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘एक सामाजिक-धार्मिक संस्था के रूप में प्रस्तुत किये जाने के बावजूद, जमात-ए-इस्लामी अलगाववादी विचारधारा फैलाने और भारत के खिलाफ शत्रुता की मानसिकता पैदा करने में सक्रिय रूप से शामिल था। उससे संबद्ध संगठन एफएटी द्वारा संचालित स्कूलों का छोटे बच्चों को आधुनिक और प्रगतिशील शिक्षा प्रदान करने के बजाय, उन्हें गुमराह करने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा था।’’

उन्होंने कहा,‘‘इन स्कूलों को सीधे अपने नियंत्रण में लेकर सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी छात्र को अलगाववादी एजेंडे में मोहरे के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाए।’’

उन्होंने कट्टरपंथी नेटवर्क की जड़ों पर प्रहार करके देश के भविष्य की रक्षा करने के दृढ़ संकल्प के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रशंसा की।

भाषा राजकुमार पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में