बंगाल के भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में आंबेडकर प्रतिमा को गंगाजल से साफ किया

बंगाल के भाजपा विधायकों ने विधानसभा परिसर में आंबेडकर प्रतिमा को गंगाजल से साफ किया

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  • Publish Date - December 1, 2023 / 04:57 PM IST,
    Updated On - December 1, 2023 / 04:57 PM IST

कोलकाता, एक दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने विधानसभा परिसर में बी आर आंबेडकर की प्रतिमा को गंगाजल से साफ किया।

यह प्रतीकात्मक कदम 29 नवंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायकों द्वारा प्रतिमा के नीचे दिए गए दो दिवसीय धरने के जवाब में उठाया गया।

तृणमूल कांग्रेस विधायकों ने पश्चिम बंगाल में केंद्रीय निधि जारी करने और केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन में केंद्र की भाजपा सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए धरना दिया था।

विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि वह मार्शल से कहेंगे कि शुभेंदु अधिकारी से आंबेडकर प्रतिमा को गंगाजल से साफ करने का कारण पूछें।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानना चाहूंगा कि ऐसा क्यों किया गया।’’

सदन में पिछले दो दिन से भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के विधायक ‘चोर चोर’ के नारे लगा रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने जहां आंबेडकर प्रतिमा के नीचे बैठ कर धरना दिया, वहीं भाजपा ने मुख्य विधानसभ हॉल के प्रवेश के पास धरना दिया।

अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लुटेरों, लोकतंत्र के हत्यारों की पार्टी के विधायक, जिन्हें पश्चिम बंगाल के लोगों ने पहले ही खारिज कर दिया है और राज्य पुलिस और मशीनरी की मदद से सत्ता से चिपके हुए हैं, उन्होंने पिछले दो दिनों से यहां अपनी उपस्थिति के साथ आंबेडकर जी की पवित्र प्रतिमा को कलंकित किया है।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा विधायकों ने प्रतीकात्मक रूप से प्रतिमा को गंगाजल से साफ करने का फैसला सर्वसम्मति से लिया।

तृणमूल कांग्रेस के उप मुख्य सचेतक तापस रॉय ने कहा कि आंबेडकर प्रतिमा को गंगाजल से साफ करके भाजपा ने ‘‘देश में दलितों और अन्य पिछड़ा वर्गों पर अत्याचारों तथा संविधान और लोकतंत्र की हत्या के अपने ही पापों का प्रायश्चित किया’’ है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे विधानसभा के अंदर अध्यक्ष की अनुमति के बिना ऐसी चीजें नहीं कर सकते। हमने अपने आंदोलन से पहले विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी ली थी।’’

भाषा वैभव नरेश

नरेश