भाजपा विधायकों का राजस्थान विधानसभा में हंगामा, कार्यवाही तीसरी बार आधे घंटे के लिए स्थगित

भाजपा विधायकों का राजस्थान विधानसभा में हंगामा, कार्यवाही तीसरी बार आधे घंटे के लिए स्थगित

भाजपा विधायकों का राजस्थान विधानसभा में हंगामा, कार्यवाही तीसरी बार आधे घंटे के लिए स्थगित
Modified Date: November 29, 2022 / 07:49 pm IST
Published Date: March 16, 2021 10:14 am IST

जयपुर, 16 मार्च (भाषा) राजस्थान में कथित फोन टैपिंग का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा भी में उठा जहां इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दिए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने शून्य काल में हंगामा किया और नारेबाजी की। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही तीसरी बार आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ एवं विधायक कालीचरण सराफ ने इस मुद्दे को लेकर स्थगन प्रस्ताव पेश किया था, जिसे विधानसभा अध्यक्ष डा सीपी जोशी ने खारिज कर दिया। इस पर प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि वह तो यह जानना चाहते हैं कि फोन टैपिंग किसके आदेश पर हुई और सरकार को इस मामले में स्पष्टीकरण देना चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष ने इस बारे में सरकार द्वारा विधानसभा में दी गयी जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि इसमें फोन टैपिंग के बारे में कानून का जिक्र है और इसमें किसी व्यक्ति विशेष का फोन टैप किए जाने का जिक्र नहीं है और न ही स्थगन प्रस्ताव लाने वाले भाजपा विधायकों ने ऐसा कोई जिक्र किया है, इसलिए वे स्थगन प्रस्ताव खारिज करते हैं।

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इस पर भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए आसन के सामने आ गए। अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष कटारिया से कहा कि, ‘आप अध्यक्ष की व्यवस्था पर यह गलत परंपरा डाल रहे हैं। संसदीय व्यवस्था में आप काला अध्याय जोड़ रहे हैं।’

भाजपा विधायकों ने आसन के सामने नारेबाजी जारी रखी और तय कार्यवाही में भाग नहीं लिया। इसके बाद जोशी ने सदन की कार्यवाही साढ़े बारह बजे आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद जब सदन बैठा तो भाजपा विधायकों ने नारेबाजी रखी और अध्यक्ष के बार बार कहने के बावजूद सीटों पर नहीं लौटे तो सदन की कार्यवाही फिर आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।

इसके बाद सदन की कार्यवाही 1.29 बजे शुरू हुयी तो राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की हुकुमत ने लोगों के फोन टैप करवाए हैं और हमारी एक ही मंशा है कि इस पर एक बार सदन में चर्चा हो। उन्होंने कहा कि विधानसभा में मुख्य सचेतक ने कथित फोन टैप के आधार पर ही प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।

इस बीच शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, ‘ राजेंद्र राठौड़, गजेंद्र सिंह को एक्सपोज करना चाहते हैं।’ इसके बाद दोनों पक्षों के सदस्य बोलने लगे। अध्यक्ष ने कहा कि उपनेता प्रतिपक्ष ने जो बातें कहीं है उन पर तथ्य उन्हें दें, वे उस पर सरकार से जवाब दिलावाएंगे।

उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष उनके चैंबर में आकर तथ्य पेश करे उसके बाद वे सरकार से उसका पक्ष रखवाएंगे। इसके बाद सदन की कार्यवाही तीसरी बार आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल जुलाई अगस्त महीने में राज्य के कुछ जनप्रतिनिधियों के फोन टैप किए जाने के आरोपों के बीच भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने अगस्त में आहूत विधानसभा सत्र में एक तारांकित सवाल किया था। उन्होंने पूछा था, ‘क्या यह सही है कि विगत दिवसों में फोन टेप किए जाने के प्रकरण सामने आए हैं ? यदि हां, तो किस कानून के अंतर्गत एवं किसके आदेश पर ? पूर्ण विवरण सदन की मेज पर रखें।’

इसका जवाब अब राज्य विधानसभा की वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ। इसके अनुसार,’लोक सुरक्षा या लोक व्‍यवस्‍था के हित में या किसी ऐसे अपराध को प्रोत्‍साहित होने से रोकने के लिए जिससे लोक सुरक्षा या लोक व्‍यवस्‍था को खतरा हो टेलीफोन अन्‍तावरोध (इंटरसेप्ट) भारतीय तार अधिनियम 1885 की धारा 5(2), भारतीय तार अधिनियम (संशोधित) नियम 2007 के नियम 419 ए एवं सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 में वर्णित प्रावधान के अनुसार सक्षम अधिकारी की स्‍वीकृति उपरान्‍त किया जाता है।’

जवाब के एक खंड के अनुसार, ‘राजस्‍थान पुलिस द्वारा उपरोक्‍त प्रावधानों के अंतर्गत टेलीफोन अन्‍तावरोध (इंटरसेप्ट) सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्‍त करने के उपरान्‍त ही किए गए है।’

भाषा पृथ्वी रंजन

रंजन


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