हैदराबाद (भाषा) : तेलंगाना में ‘टीआरएस विधायकों को पाला बदलने के लिए प्रलोभन देने के मामले’ में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और निर्वाचन आयोग से जांच की मांग की। वहीं, टीवी चैनलों ने शिकायतकर्ता और आरोपी के बीच टेलीफोन पर कथित बातचीत का प्रसारण किया।
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भाजपा विधायक एम रघुनंदन राव ने मामले की जांच के लिए यहां ईडी को एक ज्ञापन सौंपा। भाजपा पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के आरोपों पर सच्चाई सामने लाने के लिए इस मुद्दे की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए अदालत का रुख करेगी। टीआरएस ने आरोप लगाए थे कि भाजपा ने उसके कुछ विधायकों को खरीदने की कोशिश की। ईडी को अपने आवेदन में रघुनंदन राव ने कहा कि मीडिया की खबरों में कहा गया है कि पुलिस ने टीआरएस से जुड़े विधायकों को रिश्वत देने के प्रयास के लिए तीन लोगों की गिरफ्तारी के दौरान एक बड़ी राशि जब्त की, लेकिन हिरासत रिपोर्ट या प्राथमिकी में धन के विवरण का उल्लेख नहीं है।
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घटनाओं के संदर्भ में उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि कोई भी एक बार में दो लाख रुपये से अधिक की नकदी नहीं रख सकता है। दिल्ली में, भाजपा ने टीआरएस नेताओं के उन आरोपों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की, जिनमें दावा किया गया था कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी ने उसके कुछ विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की। भाजपा ने दावा किया कि मुनुगोड़े विधानसभा सीट पर हो रहे चुनाव को प्रभावित करने के लिए टीआरएस की ओर से यह सब गढ़ा गया है।
इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद बंदी संजय कुमार यादाद्री में भगवान लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर पूजा करने गए और गीले कपड़ों के साथ शपथ ली कि टीआरएस के चार विधायकों को कथित रूप से खरीदने के प्रयास में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। संजय कुमार ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को यादाद्री आने और इसी तरह की शपथ लेने की चुनौती दी कि उनका इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है।
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हैदराबाद की एक स्थानीय अदालत ने टीआरएस के चार विधायकों को पाला बदलने के लिए प्रलोभन देने के आरोप में गिरफ्तार तीन लोगों की हिरासत के पुलिस के अनुरोध को खारिज कर दिया। अदालत ने गिरफ्तारी से पहले नोटिस जारी करने की प्रक्रिया का पालन नहीं करने के लिए अनुरोध को खारिज किया। साइबराबाद पुलिस ने इन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। विधायक पायलट रोहित रेड्डी की शिकायत पर आपराधिक साज़िश, रिश्वत देने और भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंदा कुमार और सिंहयाजी स्वामी के खिलाफ 26 अक्टूबर की रात को मामला दर्ज किया गया था।
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आरोपियों को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया था और भ्रष्टाचार रोधी अदालत के न्यायाधीश के सामने पेश किया गया। न्यायाधीश ने पुलिस को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41 के तहत नोटिस जारी करने का निर्देश दिया और आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया। प्राथमिकी की प्रति के अनुसार, रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश की और बदले में विधायक को टीआरएस छोड़ अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने को कहा।
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2 hours ago