पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हुए भाजपा ने राजभवन के सामने प्रदर्शन किया

पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हुए भाजपा ने राजभवन के सामने प्रदर्शन किया

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  • Publish Date - April 12, 2022 / 08:32 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

कोलकाता, 12 अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को यहां राजभवन के सामने प्रदर्शन किया और राज्य में ‘कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने’ का दावा करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।

भाजपा नेता और कोलकाता नगर निगम के पार्षद साजल घोष के नेतृत्व में करीब 20 प्रदर्शनकारियों ने ‘ई तृणमूल आर नोय’ (यह तृणमूल कांग्रेस सरकार अब और नहीं) जैसे नारे लगाये और उन्होंने तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों ने राजभवन के मुख्य द्वार के सामने बैठने की कोशिश की लेकिन उन्हें वहां से हटा दिया गया।

घोष ने दावा किया, ‘‘अनीस खान की हत्या से लेकर बोगतुई की घटना तक, हंसखली में 14 साल की लड़की के सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मृत्यु से लेकर हावड़ा में राम नवमी के जुलूस पर हमले तक ममता बनर्जी सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने में विफल रही है।’’

राज्यपाल जगदीप धनखड़ के हस्तक्षेप की मांग करते हुए घोष ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में इस अराजकता को रोकने के लिए तत्काल अनुच्छेद 365 लागू किया जाना चाहिए।’’

संविधान के अनुच्छेद 365 के तहत, यदि कोई राज्य सरकार संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप काम नहीं कर पाती तो केंद्र सरकार राज्य के प्रशासनिक कामकाज अपने हाथ में ले सकती है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि करीब 20 भाजपा कार्यकर्ताओं को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया। हालांकि निजी मुचलकों पर उन्हें छोड़ दिया गया।

तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में अपनी शर्मनाक हार को अभी तक स्वीकार नहीं कर पाई है और अब एक लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी सरकार के खिलाफ साजिश रच रही है।’’

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश