भाजपा ने संस्कृत को ‘मृत भाषा’ बताने के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की

भाजपा ने संस्कृत को ‘मृत भाषा’ बताने के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की

भाजपा ने संस्कृत को ‘मृत भाषा’ बताने के लिए उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की
Modified Date: November 22, 2025 / 09:16 pm IST
Published Date: November 22, 2025 9:16 pm IST

नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संस्कृत को “मृत भाषा” बताने के लिए तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन पर शनिवार को निशाना साधा। पार्टी ने कहा कि उदयनिधि हिंदुओं का बार-बार अपमान करके “अराजकता और विभाजन” के प्रतीक बन गए हैं।

चेन्नई में शुक्रवार को एक किताब के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उदयनिधि ने तमिल भाषा के विकास के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि इसके विपरीत, संस्कृत के विकास के लिए 2,400 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं, जो एक “मृत भाषा” है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उदयनिधि स्टालिन हिंदुओं के प्रति अपनी “घृणा के लिए जाने जाते हैं।”

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उन्होंने कहा कि द्रमुक नेता (उदयनिधि) ने पहले हिंदुत्व और हिंदुओं की तुलना ‘डेंगू और मलेरिया’ से करके हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई थी।

भाटिया ने कहा, “उदयनिधि स्टालिन एक बार फिर हिंदुओं और हमारी संस्कृति का अपमान करते हुए कह रहे हैं कि संस्कृत एक मृत भाषा है।” उन्होंने इस टिप्पणी को “घटिया और घृणित” करार दिया।

भाटिया ने कहा कि स्टालिन हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए “बार-बार घटिया और घृणित टिप्पणियां” करते हैं, जबकि उच्चतम न्यायालय पहले भी द्रमुक नेताओं को ऐसे “बेतुके बयान” देने के लिए फटकार लगा चुका है।

उन्होंने कहा, “उदयनिधि स्टालिन यह भूल जाते हैं कि संस्कृत हमारी संस्कृति और धार्मिक ग्रंथों के साथ-साथ लाखों हिंदुओं की आस्था का आधार है।”

भाषा पारुल दिलीप

दिलीप


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