पश्चिमी उप्र में मतगणना से पहले बीकेयू, आरएलडी कार्यकर्ता ईवीएम पर नजर रख रहे
पश्चिमी उप्र में मतगणना से पहले बीकेयू, आरएलडी कार्यकर्ता ईवीएम पर नजर रख रहे
नोएडा, नौ मार्च (भाषा) राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) और किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को होने वाली मतगणना पर नजर रखने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में निर्वाचन कार्यालयों के निकट तंबू लगा दिये हैं।
जहां आरएलडी ने हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनावों में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है, वहीं बीकेयू के पदाधिकारियों ने कहा कि वह ‘गैर-राजनीतिक’ समूह है। बीकेयू तत्कालीन कृषि कानूनों को समाप्त करने की मांग को लेकर केंद्र की भाजपा-नीत सरकार के खिलाफ आंदोलन का हिस्सा रहे हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 20 जिलों की 113 विधानसभा सीटों के लिए 10 और 14 फरवरी को मतदान हुए थे।
बागपत में आरएलडी के एक कार्यकर्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी के कई कार्यकर्ता उन केंद्रों के निकट कर रहे हैं, जहां बृहस्पतिवार को मतों की गिनती होगी। राज्य के अन्य हिस्सों में ईवीएम को गलत तरीके से रखे जाने की खबरों के बाद पिछले दो-तीन दिनों से डेरा डाले हुए हैं।’’
बीकेयू के प्रवक्ता धर्मेन्द मलिक ने कहा कि इसी प्रकार, मुजफ्फनगर, शामली, मेरठ, बागपत और अन्य स्थानों पर बीकेयू के सदस्य एवं कार्यकर्ता उन केंद्रों पर नजर गड़ाए गये हुए हैं, जहां ईवीएम रखे गये हैं।
संगठन के प्रवक्ता सौरभ चौधरी ने कहा कि बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी किसानों से अपील की थी कि वे मतपेटियों की निगरानी करें।
टिकैत ने पांच मार्च को हिन्दी में ट्वीट करके कहा था, ‘‘देश की सीमा और कृषि की रखवाली करने के अलावा किसानों को मतों की रक्षा करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।’’
उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, 10 मार्च को होने वाली मतगणना के लिए सभी जिलों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कुल 250 कंपनियां उपलब्ध कराई गई है। इनमें से 36 कंपनियां ईवीएम की सुरक्षा के लिए और 214 कंपनियां मतगणना और कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए निर्धारित की गयी हैं।
प्रत्येक कंपनी में 70 से 80 कर्मी शामिल होते हैं।
भाषा सुरेश माधव
माधव

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