उत्तरकाशी जिले के सहस्त्रताल ट्रैक पर मिले चार और ट्रैकर के शव
उत्तरकाशी जिले के सहस्त्रताल ट्रैक पर मिले चार और ट्रैकर के शव
देहरादून, छह जून (भाषा) उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्र सहस्त्रताल ट्रैक पर कर्नाटक के चार और ट्रैकर के शव मिले जिन्हें बृहस्पतिवार को बाहर निकाल लिया गया ।
राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) ने यहां बताया कि उनकी बचाव टीम ने हेलीकॉप्टर के माध्यम से चारों शवों को उत्तरकाशी के निकट भटवाड़ी पहुंचाया । इसी के साथ सहस्रताल ट्रैक पर जारी बचाव अभियान समाप्त हो गया।
ये चारों लोग बंगलुरू से थे, जिनकी पहचान वेंकटेश प्रसाद (53), पदनाथ कुंडापुर कृष्णामूर्ति (50), अनीता रंगप्पा (60) और पद्मिनी हेगड़े (34) के रूप में हुई है ।
मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल पर ट्रैकिंग पर गया कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैकर का 22 सदस्यीय दल तीन जून को अचानक आए बर्फीले तूफान की चपेट में आने के कारण रास्ता भटक गया था और अत्यधिक ठंड के कारण उसके नौ सदस्यों की मृत्यु हो गयी। पांच शवों को बुधवार को बाहर निकाल लिया गया था जिनमें चार महिलाएं थीं ।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि 4100-4400 मीटर की उंचाई पर स्थित ट्रैक पर दल के कुछ सदस्यों की मौत होने तथा अन्य के फंसे होने की सूचना चार जून की शाम को मिली जिसके बाद जमीनी और हवाई बचाव अभियान की तैयारियां शुरू की गयीं। इस ट्रैकिंग दल में 10 महिलाएं भी थीं।
भारतीय वायु सेना, राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) और निजी हेलीकॉप्टर की मदद से जारी अभियान के तहत बुधवार को पांच शवों को बाहर निकाले जाने के अलावा 11 अन्य ट्रैकर को सुरक्षित नीचे पहुंचाया गया जबकि अन्य दो स्वयं पैदल चलते हुए एसडीआरएफ की टीम के साथ सिल्ला गांव पहुंचे।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम खराब होने के कारण हवाई अभियान संचालित करने में परेशानियां आईं साथ ही 35 किलोमीटर लंबे इस दुरूह ट्रैक में जमीनी दलों को भी घटनास्थल तक पहुंचने में समय लगा।
उत्तरकाशी के मनेरी में ‘हिमालयन व्यू ट्रैकिंग एजेंसी’ ने इस दल को 29 मई को उत्तरकाशी से रवाना किया था जिसमें कनार्टक के 18 और महाराष्ट्र के एक ट्रैकर के अलावा तीन स्थानीय गाइड भी शामिल थे । इस ट्रैकिंग दल को सात जून तक वापस लौटना था लेकिन मौसम खराब होने से यह दल रास्ता भटक गया। संबंधित ट्रैकिंग एजेंसी द्वारा खोजबीन करने पर दल के कुछ सदस्यों की मृत्यु होने तथा अन्य के फंसे होने का पता चला ।
सुरक्षित बचाए गए एक ट्रैकर ने उत्तराखंड सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें बचाने के लिए त्वरित कदम उठाए ।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने समय से एसडीआरएफ की टीम को भेजा जिसने हमें बाहर निकाला । हमारा रहने और खाने का इंतजाम किया जिसके लिए हम हमेशा उनके ऋणी रहेंगे।’’
भाषा दीप्ति मनीषा शोभना
शोभना

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