‘प्रेमिका से रिश्ते रखते हुए ऐन वक्त पर शादी से इनकार करना बलात्कार नहीं’, रेप के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
'प्रेमिका से रिश्ते रखते हुए ऐन वक्त पर शादी से इनकार करना बलात्कार नहीं'! Bombay High Court says after long affair refusal for marriage can not be considered as rape
औरंगाबाद: बॉम्बे हाई कोर्ट के औरंगाबद खंडपीठ ने रेप के मामले में सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है। मामले में कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा है कि अगर कोई शख्स प्रेमिका से रिश्ते रखने के बाद ऐन वक्त पर शादी से इनकार करता है, तो वह रेप नहीं कहलाएगा। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा है कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा है कि पीड़िता की ओर से जो साक्ष्य पेश किए गए हैं, उनके आधार पर यह साबित होता है कि आरोपी ने बलात्कार किया है। आरोपी ने बाद में शादी का ख़याल भले ही बदल लिया हो, लेकिन पहले आरोपी का इरादा महिला से शादी करने का था।
दरअसल तीस वर्षीया महिला ने आरोपी के ख़िलाफ़ बलात्कार और फ़रेब का केस दर्ज किया था। पीड़िता की ओर से की गई शिकायत में यह दावा किया गया था कि आरोपी ने शादी का वादा किया, जिसके बाद दोनों परिवार के सदस्य मिले। इस दौरान भी आरोपी ने शादी से इनकार नहीं किया। शादी तय होने के बाद दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने। इसी बीच कोरोना के चलते शादी टल गई। लेकिन कोरोना काल खत्म होने के बाद आरोपी ने शादी से इनकार कर दिया।
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न्यायमूर्ति सुनील देशमुख और न्यायमूर्ति नितिन सूर्यवंशी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद अपने फ़ैसले में कहा कि जब दोनों परिवारों की मुलाकात हुई तो आरोपी ने शादी के लिए रजामंदी दिखाई थी। जो दोनों के बीच शारीरिक संबंध हुए वे एक दूसरे के बीच प्यार होने की वजह से हुए और आपसी सहमति से हुए। बाद में प्रेमी का मन बदल गया और उसे अब शादी में कोई रुचि नहीं है। ऐसे में यह साफ होता है कि आरोपी पहले शादी के लिए तैयार था। यानी जिस वक्त शारीरिक संबंध हुए वो उस वक्त शादी का इरादा रखता था। ऐसे में अब जब वह शादी के लिए तैयार नहीं है, तो इसका मतलब यह नहीं कि पहले जो शारीरिक संबंध हुए, उसे बलात्कार माना जाए।

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