Brain-eating Amoeba: तेजी से फैल रहा है दिमाग खाने वाला अमीबा, अब तक 19 लोगों की मौत, जानें क्या है ईटिंग अमीबा के लक्षण?
Brain-eating Amoeba: तेजी से फैल रहा है दिमाग खाने वाला अमीबा, अब तक 19 लोगों की मौत, जानें क्या है ईटिंग अमीबा के लक्षण?
Brain-eating Amoeba | Photo Credit: IBC24
- केरल में अब तक 69 केस और 19 मौतें
- संक्रमण का कारण दूषित पानी में मौजूद अमीबा
- एक व्यक्ति से दूसरे को नहीं फैलता, लेकिन जानलेवा है
केरल: Brain-eating Amoeba कोरोना के बाद अब केरल में दिमाग खाने वाला एक संक्रमण मिला है। इस संक्रमण का नाम ‘अमीबा’ है। बताया जा रहा है कि ये संक्रमण जिसे वैज्ञानिक भाषा में नेगलेरिया फाउलेरी कहा जाता है। इस संक्रमण से अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है और पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
Brain-eating Amoeba बताया जा रहा है कि यह एक ऐसा परजीवी है जो इंसान के ब्रेन पर हमला करता है और जानलेवा साबित हो सकता है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इस संक्रमण को लेकर कहा कि राज्य एक गंभीर जन स्वास्थ्य चुनौती से जूझ रहा है। ये संक्रमण, जो पहले कोझिकोड और मलप्पुरम जैसे जिलों के विशिष्ट समूहों से जुड़े थे, अब पूरे राज्य में छिटपुट रूप से दिखाई दे रहे हैं। यह बात इसलिए अहम है क्योंकि पहले यह संक्रमण कुछ खास जिलों और जल स्रोतों से जुड़ा माना जा रहा था।
अब तक 69 केस और 19 मौतें
केरल में इस साल 69 पुष्ट मामले और 19 मौतें दर्ज की गई हैं। खास बात ये है कि इन मामलों में तीन महीने के शिशु से लेकर 91 साल के बुजुर्ग तक इसके चपेट में आ चुके हैं। बीते कुछ हफ्तों में कई मौतें हुई हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग और अधिक सतर्क हो गया है।
कैसे फैलता है यह संक्रमण?
यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलती।
संक्रमण आमतौर पर तब होता है जब कोई व्यक्ति दूषित पानी के संपर्क में आता है और अमीबा नाक के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाता है।
अमीबा दिमाग तक पहुंचकर घातक सूजन पैदा करता है।
बीमारी के लक्षण
तेज सिरदर्द
बुखार
मतली और उल्टी
तेजी से बिगड़ते हालात- दौरे पड़ना और बेहोशी
इस अमीबा से बचाव के उपाय:
तालाबों, झीलों या बिना ट्रीटेड पानी में तैरने से बचें.
मीठे पानी में जाते समय नाक बंद रखें या नोज क्लिप का इस्तेमाल करें.
सामुदायिक कुओं और पानी की टंकियों की क्लोरीनीकरण और सफाई नियमित रूप से करें.
अगर स्थिर पानी के संपर्क में आने के बाद कोई लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

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