रिश्वतखोरी विवाद ने ईडी की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया, प्रधानमंत्री दखल दें: पिनराई विजयन

रिश्वतखोरी विवाद ने ईडी की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया, प्रधानमंत्री दखल दें: पिनराई विजयन

रिश्वतखोरी विवाद ने ईडी की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया, प्रधानमंत्री दखल दें: पिनराई विजयन
Modified Date: May 20, 2025 / 10:02 pm IST
Published Date: May 20, 2025 10:02 pm IST

कोझिकोड (केरल), 20 मई (भाषा) केरल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी के खिलाफ रिश्वत का आरोप लगने से ईडी की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस एजेंसी में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए कार्रवाई करने की अपील की।

केरल सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) द्वारा एर्नाकुलम में ईडी के कोच्चि कार्यालय के सहायक निदेशक स्तर के एक अधिकारी के खिलाफ दर्ज किए गए मामले के बारे में पूछे जाने पर विजयन ने प्रेस वार्ता में कहा कि इस घटना से केंद्रीय एजेंसी की विश्वसनीयता प्रभावित हुई है।

उन्होंने दावा किया कि जब ईडी अधिकारी के खिलाफ रिश्वतखोरी की शिकायत सामने आई, तब एक ‘‘सम्मानित बिशप’’ ने सार्वजनिक रूप से अपना अनुभव साझा किया।

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विजयन ने कहा, ‘‘इस परिस्थिति में प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्हें इससे संबंधित मुद्दों की जांच करनी चाहिए और एजेंसी का पुनर्गठन करके इसकी विश्वसनीयता बहाल करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इससे संबंधित मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। मेरी राय में, प्रधानमंत्री को मामले की विस्तृत जांच शुरू करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि ईडी के खिलाफ कई शिकायतें रहीं, जिनमें वित्तीय अनियमितताओं की बात भी शामिल थी।

विजयन ने कहा, ‘‘ लेकिन किसी के पास कोई सबूत नहीं था। पर, अब यह रंगे हाथों पकड़ा गया है। इसने इस केंद्रीय एजेंसी की विश्वसीनयता पर बहुत बुरा असर डाला है।’’

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी पर हाल में केरल वीएसीबी ने भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया है। ईडी की कोच्चि इकाई का यह अधिकारी एक स्थानीय व्यवसायी की शिकायत के आधार पर पहला आरोपी बनाया गया है।

अदालत को सौंपी गई वीएसीबी की हिरासत रिपोर्ट के अनुसार, ईडी का यह अधिकारी इस मामले में मुख्य आरोपी है।

इस मामले में अब तक एक चार्टर्ड एकाउंटेंट समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन पर ईडी जांच में नाम न डालने के बदले में व्यवसायी से दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है।

हालांकि, ईडी सूत्रों ने रिश्वतखोरी के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि यह एजेंसी की छवि खराब करने के लिए व्यवसायी द्वारा जानबूझकर किया गया प्रयास जान पड़ता है।

व्यवसायी अनीश बाबू के खिलाफ धनशोधन के आरोप में ईडी द्वारा जांच की जा रही है और उन्होंने पिछले चार वर्षों में जारी किए गए कई समन की कथित तौर पर अनदेखी की है।

भाषा

राजकुमार नेत्रपाल

नेत्रपाल


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