जवान बेटे की मौत से टूटे तरुण चकमा ने एंजेल के लिए इंसाफ मांगा

जवान बेटे की मौत से टूटे तरुण चकमा ने एंजेल के लिए इंसाफ मांगा

जवान बेटे की मौत से टूटे तरुण चकमा ने एंजेल के लिए इंसाफ मांगा
Modified Date: December 28, 2025 / 04:51 pm IST
Published Date: December 28, 2025 4:51 pm IST

देहरादून, 28 दिसंबर (भाषा) देहरादून में अपने जवान बेटे एंजेल चकमा की हत्या के बाद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में तैनात तरुण चकमा टूट से गए हैं और अब उसके लिए इंसाफ चाहते हैं ।

त्रिपुरा के उनाकोटी जिले में स्थित अपने गांव मछमारा में नम आंखों से अपने 24 वर्षीय बेटे का अंतिम संस्कार करने के बाद ‘पीटीआई भाषा’ से फोन पर एक बातचीत में उन्होंने रुंधे गले से कहा कि उनका बेटा बेकसूर था जिसे बेरहमी से मार दिया गया ।

उन्होंने कहा कि एंजेल तो बस अपने छोटे भाई माइकल के साथ बाजार गया था जहां हमलावरों ने कथित रूप से उस पर जानलेवा हमला कर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिया और 17 दिन अस्पताल में संघर्ष करने के बाद वह 26 दिसंबर को जिंदगी की जंग हार गया ।

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फिलहाल मणिपुर के तांगजेंग में तैनात तरुण चकमा ने कहा कि उनके पुत्र को असमय मौत के मुंह में भेजने वालों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं अपना बेटा खो चुका हूं और अब उसके साथ न्याय होना चाहिए ।’

उन्होंने आरोप लगाया कि नौ दिसंबर की शाम को सेलाकुई क्षेत्र में हुई घटना की रिपोर्ट लिखने से पुलिस ने पहले इंकार कर दिया और आल इंडिया चकमा स्टूडेंटस यूनियन तथा पुलिस के उच्चाधिकारियों के दबाव के बाद घटना के दो—तीन दिन बाद कथित हमलावरों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी ।

माइकल के हवाले से घटना का ब्यौरा देते हुए तरुण चकमा ने बताया कि घटना के समय एंजेल अपनी मोटरसाइकिल पर बैठा था जबकि माइकल पास में खड़ा था । उन्होंने बताया कि इसी दौरान उनके पास एक स्कूटी और एक मोटरसाइकिल आ कर रूकी जिस पर छह लोग लोग सवार थे ।

चकमा ने बताया कि वे लोग वहीं खड़े होकर आपस में बात कर रहे थे। इसी बीच, उन लोगों ने माइकल से कुछ कहा और अचानक उसे नीचे जमीन पर गिरा दिया। इस पर एंजेल ने आपत्ति की जिसके बाद उन लोगों ने उसे ‘चिंकी, विंकी, चाईनीज मोमो’ कहते हुए अपशब्द बोलने शुरू कर दिए ।

उन्होंने बताया कि एंजेल के यह कहने पर कि वे भी तो भारतीय हैं, चाईनीज थोड़े ही हैं, उन लोगों ने उसकी गर्दन और पीठ पर चाकू और कड़े से बुरी तरह वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया ।

तरूण चकमा ने बताया, ‘‘हमले में एंजेल की गर्दन टूट गयी जिसके कारण उसकी मौत हो गयी ।’

एंजेल यहां के एक निजी विश्वविद्यालय में एमबीए अंतिम वर्ष का छात्र था और तरुण चकमा के अनुसार, उसकी एक अच्छी नौकरी भी लग चुकी थी ।

भाषा दीप्ति

रंजन नरेश

नरेश


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