Fake Medicine in MP: मध्यप्रदेश के इस जिले में फ़ूड सप्लीमेंट लाइसेंस के बहाने बेची जा रही थीं अवैध दवाइंया, कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा, केंद्रीय टीम की रेड में मिले थे डरा देने वाले सुबूत

ग्वालियर नकली दवाओं के निर्माण और भंडारण के गंभीर मामले में विशेष सत्र न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए आरोपी संजय पाठक को दोषी करार दिया है।

Fake Medicine in MP: मध्यप्रदेश के इस जिले में फ़ूड सप्लीमेंट लाइसेंस के बहाने बेची जा रही थीं अवैध दवाइंया, कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा, केंद्रीय टीम की रेड में मिले थे डरा देने वाले सुबूत

Fake Medicine in MP/ image source: IBC24

Modified Date: December 28, 2025 / 08:43 pm IST
Published Date: December 28, 2025 7:50 pm IST
HIGHLIGHTS
  • ग्वालियर में नकली दवा फैक्ट्री पकड़ी गई
  • संजय पाठक को दोषी ठहराया गया
  • आरोपी को 7 साल जेल और जुर्माना

Fake Medicine in MP: ग्वालियर: ग्वालियर नकली दवाओं के निर्माण और भंडारण के गंभीर मामले में विशेष सत्र न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए आरोपी संजय पाठक को दोषी करार दिया है।

संजय पाठक को दोषी ठहराया गया

न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश “ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट” में आरोपी को 7 साल के कठोर कारावास और 8 लाख 40 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह कोई तकनीकी चूक नहीं बल्कि समाज और आमजन के स्वास्थ्य के खिलाफ किया गया गंभीर अपराध है।

आरोपी को 7 साल जेल और जुर्माना

Fake Medicine in MP: अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी ने फूड सप्लीमेंट का लाइसेंस लेकर उसकी आड़ में नकली एलोपैथिक दवाओं की फैक्ट्री संचालित की। आरोपी न तो वैध ड्रग लाइसेंस रखता था और न ही दवाओं के स्रोत व निर्माता से जुड़ी जानकारी जांच एजेंसियों को दे सका है जो कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।

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2018 से किया जा रहा था अवैध निर्माण

Fake Medicine in MP: दअरसल आरोपी संजय पाठक वर्ष 2018 से खांसी का सिरप और एंटीयायोटिक दवाओं का अवैध निर्माण कर रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए 30 सितंबर 2019 को दिल्ली से आई केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की संयुक्त टीम ने पुरानी छावनी स्थित दवा फैक्ट्री मेसर्स केलैक्स हेल्थकेयर लिमिटेड पर छापा मारा था।

जांच के दौरान बिना वैध ड्रग लाइसेंस के दवाओं का निर्माण, भंडारण और पैकेजिंग किए जाने के पुख्ता सबूत मिले। टीम ने यहां से दवाओं का कच्चा माल, पेंकिंग रेपर व हल्युमिनियम फॉइल, टैबलेट, कैप्सूल व सिरप बनाने की मशीने जब्त की थीं। मौके से जब्त दवाओं के नमूने केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला मुबई भेजे गए। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि एंटीबायोटिक दवा में संफिक्सीम की पहचान नहीं हुई। जिससे दवा को स्प्यूरियस (नकली) घोषित किया गया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी लगभग एक वर्ष तक जेल में भी रहा था।

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लेखक के बारे में

पत्रकारिता और क्रिएटिव राइटिंग में स्नातक हूँ। मीडिया क्षेत्र में 3 वर्षों का विविध अनुभव प्राप्त है, जहां मैंने अलग-अलग मीडिया हाउस में एंकरिंग, वॉइस ओवर और कंटेन्ट राइटिंग जैसे कार्यों में उत्कृष्ट योगदान दिया। IBC24 में मैं अभी Trainee-Digital Marketing के रूप में कार्यरत हूँ।