बीआरएस ने लोगों की उम्मीदों के अनुरूप काम नहीं किया : के. कविता
बीआरएस ने लोगों की उम्मीदों के अनुरूप काम नहीं किया : के. कविता
हैदराबाद, 15 नवंबर (भाषा) भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से निलंबित के.कविता ने पार्टी पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि उनके भाई के. टी. रामा राव को सोशल मीडिया छोड़कर जमीनी स्तर पर काम करना चाहिए।
उनकी यह टिप्पणी तेलंगाना में जुबली हिल्स उपचुनाव में बीआरएस की हार के बाद आई है।
उन्होंने मेडक में संवाददाताओं से कहा कि उनके चचेरे भाई और बीआरएस विधायक टी हरीश राव को अपनी ‘धोखाधड़ी’ बंद करनी चाहिए और पार्टी के हित के लिए ईमानदारी से काम करना चाहिए।
कविता ने दावा किया कि राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने उपचुनाव में महत्वपूर्ण बढ़त के साथ जीत हासिल की, जबकि लोगों में सरकार के प्रति असंतोष था ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बीआरएस ने लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप काम नहीं किया।
कविता, बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की बेटी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘रामू अन्ना (रामा राव) को सोशल मीडिया और ट्विटर छोड़कर जमीनी स्तर पर काम करना चाहिए। इससे लोगों का भला होगा। दूसरी ओर, हरीश अन्ना को धोखा देना बंद कर देना चाहिए। उन्हें तय करना चाहिए कि वे कृष्ण हैं या अर्जुन, उनकी भूमिका क्या है।’’
मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि बीआरएस अध्यक्ष केसीआर सक्रिय राजनीति में नहीं हैं और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हैं, कविता ने कहा कि उनका स्वास्थ्य अच्छा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री यह उम्मीद कर रहे हैं कि अगर केसीआर सक्रिय नहीं रहे और उनकी सेहत ठीक नहीं रही तो उन्हें राजनीतिक फायदा होगा।’’
उपचुनाव परिणाम घोषित होने के बाद उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “कर्मों का फल मिला।”
कविता ने अपने चचेरे भाइयों और पार्टी नेताओं टी. हरीश राव और जे. संतोष कुमार पर कालेश्वरम परियोजना को लेकर पिता के. चंद्रशेखर राव की छवि “धूमिल” करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद सितंबर में कविता को बीआरएस से निलंबित कर दिया गया था।
निलंबन के बाद से वह अपने नेतृत्व वाले एक सांस्कृतिक संगठन ‘तेलंगाना जागृति’ के बैनर तले जनता से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय हैं।
शुक्रवार को हुए जुबली हिल्स उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार वी. नवीन यादव ने बीआरएस प्रत्याशी एम. सुनीता को 24,000 से अधिक मतों के अंतर से हरा दिया।
भाषा रवि कांत रवि कांत सुभाष
सुभाष

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